आखिर क्यों यहां साड़ी पहनकर पुरुष करते हैं पूजा, जानिए क्या है इसके पीछे की कहानी और रिवाज

हमारे देश के हर स्थान पर लोग अलग-अलग परंपराओं और धर्मों का पालन करते हैं। उनके रीति-रिवाज और परंपराएं भी एक-दूसरे से भिन्न हैं। कुछ जगहों पर लोग आज भी ऐसी परंपराओं का पालन करते हैं जो देखने में अजीब लगती हैं। इन धार्मिक परंपराओं का पालन वहां रहने वाले लोग सैकड़ों वर्षों से करते आ रहे हैं। आज हम आपको अपने ही देश के एक हिस्से में निभाई जाने वाली एक परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आप निश्चित रूप से हैरान हो जाएंगे। दरअसल, यह परंपरा पुरुषों के साड़ी पहनने से जुड़ी है और साड़ी पहनकर वे भगवान की पूजा करते हैं। दरअसल, पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के चंदन नगर में सदियों से यह परंपरा निभाई जा रही है।
इस परंपरा के अनुसार, महिलाएं नहीं बल्कि पुरुष साड़ी पहनकर देवी मां की पूजा करते हैं। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि यह परंपरा यहां के लोग दो साल से नहीं बल्कि पिछले 229 सालों से निभा रहे हैं। आपको बता दें कि इस परंपरा के दौरान पश्चिम बंगाल के चंदन नगर में देवी जगधात्री की पूजा की जाती है। इस दौरान घर की महिलाएं नहीं बल्कि पुरुष साड़ी पहनकर मां की पूजा करते हैं। हर साल की तरह इस बार भी चंदन नगर का नजारा काफी अद्भुत नजर आया। इस बार भी पूजा के दौरान पुरुषों ने साड़ी पहनी और सिंदूर व पान के पत्ते से मां जगधात्री की पूजा की।
आपको बता दें कि बंगाली संस्कृति में सदियों से मां जगद्धात्री की पूजा के दौरान एक अलग तरह का दृश्य देखने को मिलता है। इस दौरान पुरुष साड़ी पहनकर और सिर पर पल्लू डालकर मां जगधात्री की पूजा करते हैं। इतना ही नहीं पूजा के दौरान मंडप परिसर के अंदर और बाहर सैकड़ों श्रद्धालु भी जुटते हैं। यानी इस परंपरा के तहत पुरुष साड़ी पहनकर अकेले पूजा नहीं करते बल्कि उन्हें सबके सामने मां की पूजा करनी होती है।
पश्चिम बंगाल की संस्कृति में यह परंपरा ब्रिटिश शासन के समय से चली आ रही है। इस अनोखी पूजा के बारे में कहा जाता है कि 229 साल पहले जब अंग्रेजों का शासन था, तब महिलाएं अंग्रेजों के डर से शाम ढलने के बाद घर से बाहर नहीं निकलती थीं। इस दौरान घर के पुरुषों ने साड़ी पहनकर मां जगधात्री की पूजा की। इसके बाद यह एक परंपरा बन गई जो आज तक जारी है। इसीलिए आज भी हर साल किसी खास अवसर पर पुरुष साड़ी पहनकर देवी की पूजा करने मंदिर पहुंचते हैं।