Samachar Nama
×

हाथ से गई अच्छी-खासी नौकरी, 1 Min का खेल कर्मचारी को पड़ा भारी

ffffffffffffffffff

दफ्तर की नौकरी करना जितना आम लगता है, उतना ही जटिल भी है। रोज़मर्रा के टारगेट्स, बॉस का प्रेशर, और समय पर ऑफिस आने-जाने की जिम्मेदारियां किसी भी कर्मचारी के लिए चुनौती से कम नहीं होतीं। लेकिन जब किसी कर्मचारी को सिर्फ इसलिए नौकरी से निकाल दिया जाए क्योंकि वह ऑफिस से एक मिनट पहले निकल गया, तो यह बात हैरान करने वाली जरूर होती है।

ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है चीन के ग्वांगझोउ शहर से, जहां एक महिला कर्मचारी को एक मिनट पहले ऑफिस छोड़ने की वजह से नौकरी से हाथ धोना पड़ा। इस घटना ने इंटरनेट पर बहस छेड़ दी है कि क्या कंपनियों के ऐसे कठोर नियम वाकई जरूरी हैं?

बार-बार ऑफिस से निकलीं एक मिनट पहले

इस महिला कर्मचारी का नाम वांग है, जो ग्वांगझोउ की एक निजी कंपनी में पिछले तीन साल से काम कर रही थीं। वांग का परफॉर्मेंस शानदार बताया गया — वो अपने कार्यों को समय पर पूरा करती थीं और अन्य कर्मचारियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करती थीं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक महीने के भीतर वांग ने छह बार ऑफिस टाइम से एक मिनट पहले ही दफ्तर छोड़ा, और यह बात कंपनी की सिक्योरिटी कैमरा फुटेज की जांच के दौरान सामने आई।

कंपनी ने बिना किसी चेतावनी के सीधे तौर पर वांग को नौकरी से निकाल दिया। ये फैसला न सिर्फ वांग के लिए, बल्कि बाकी कर्मचारियों और सोशल मीडिया पर मौजूद लोगों के लिए भी चौंकाने वाला था।

कंपनी के फैसले के खिलाफ वांग पहुंचीं कोर्ट

इस फैसले से दुखी होकर वांग ने कंपनी के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने अदालत से अपील की कि सिर्फ एक मिनट पहले ऑफिस छोड़ने को इतना बड़ा मुद्दा बनाकर नौकरी से निकाल देना अनुचित और अमानवीय है।

अदालत ने मामले की पूरी सुनवाई के बाद वांग के पक्ष में फैसला सुनाया। जज ने कहा कि इस तरह से किसी को नौकरी से निकालना पूरी तरह अतार्किक और असंवेदनशील है।

कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि किसी कर्मचारी के काम करने के तरीके से कंपनी को समस्या है, तो पहले उसे वॉर्निंग देना चाहिए। लगातार चेतावनी देने के बाद भी अगर सुधार नहीं होता है, तभी उसे बाहर करने की प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए।

चीन में ऐसे मामले पहले भी आए सामने

ये पहला मामला नहीं है जब चीन में किसी कर्मचारी को इस तरह से नौकरी से निकाला गया हो। साल 2024 के नवंबर में एक और मामला सामने आया था, जिसमें एक कर्मचारी को दोपहर में हल्की झपकी लेने के कारण नौकरी से निकाल दिया गया था।

उस मामले में भी कर्मचारी ने कोर्ट का रुख किया और अदालत ने कंपनी को 41 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था। इससे साफ है कि चीन में कुछ कंपनियां कर्मचारियों के लिए बेहद कठोर नियम बनाकर काम करवा रही हैं, जो कि श्रमिक अधिकारों के खिलाफ जाता है।

क्या कहता है ये मामला?

वांग का मामला उन तमाम कर्मचारियों के लिए एक चेतावनी और सबक है, जो बेहद अनुशासित रहते हुए भी छोटी-छोटी बातों में फंस सकते हैं। यह मामला कंपनियों के लिए भी एक सीख है कि वे अपने नियमों की समीक्षा करें और कर्मचारियों के प्रति अधिक संवेदनशील और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाएं।

अक्सर देखा गया है कि कंपनियां बिना चेतावनी या स्पष्ट दिशा-निर्देश के ही कर्मचारियों को निकाल देती हैं, जो कि श्रम कानूनों और नैतिकता दोनों के खिलाफ है।

निष्कर्ष

कर्मचारी और नियोक्ता के बीच का रिश्ता विश्वास और पारदर्शिता पर टिका होता है। अगर कंपनियां छोटी-छोटी बातों पर कठोर फैसले लेने लगेंगी, तो ना सिर्फ कर्मचारियों का मनोबल गिरेगा, बल्कि उनकी उत्पादकता पर भी असर पड़ेगा।

वांग की जीत इस बात का प्रतीक है कि हर छोटी बात पर सज़ा देना समाधान नहीं है, बल्कि संवाद और सुधार की गुंजाइश हमेशा होनी चाहिए। और सबसे अहम बात — 1 मिनट कभी किसी की योग्यता का पैमाना नहीं हो सकता!

Share this story

Tags