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सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया भर में मौजूद हैं भगवान शिव के मंदिर, लगती है भक्तों की भीड़

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भगवान शिव, जिन्हें ‘महादेव’ और ‘भोलेनाथ’ के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। उनकी पूजा न केवल भारत में, बल्कि दुनिया के कई देशों में श्रद्धा और भक्ति के साथ की जाती है। भगवान शिव के मंदिर भारत के अलावा विश्व के कई हिस्सों में मौजूद हैं, जहां भारी संख्या में भक्त हर दिन दर्शन के लिए आते हैं। आइए जानते हैं विश्वभर में शिव मंदिरों की खासियत और उनके बारे में कुछ रोचक बातें।

भारत में भगवान शिव के मंदिर

भारत में शिव मंदिरों की संख्या लाखों में है। कैलाश पर्वत, काशी विश्वनाथ, सोमनाथ, महाकालेश्वर, त्र्यंबकेश्वर जैसे ज्योतिर्लिंग भारत के प्रसिद्ध शिव मंदिरों में शामिल हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु इन मंदिरों में दर्शन के लिए आते हैं, खासकर शिवरात्रि के अवसर पर यहां भक्तों की भीड़ असाधारण हो जाती है। भारत में शिव पूजा का एक विशेष स्थान है और शिव को त्रिदेवों में से एक माना जाता है।

नेपाल में पशुपतिनाथ मंदिर

नेपाल के काठमांडू में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भी है। नेपाल में शिव पूजा अत्यंत प्रचलित है और पशुपतिनाथ मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु जुटते हैं। यहां के घाट पर गंगा के समान बहने वाली बागमती नदी के किनारे पूजा-अर्चना का भव्य दृश्य देखने को मिलता है।

इंडोनेशिया और श्रीलंका में शिव मंदिर

इंडोनेशिया के बाली और जावा जैसे क्षेत्रों में भी भगवान शिव के मंदिर हैं, जहां स्थानीय हिंदू समुदाय शिव की पूजा करता है। श्रीलंका में भी कई प्राचीन शिव मंदिर हैं, जो स्थानीय हिन्दू और बौद्ध समुदाय के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल हैं। ये मंदिर अपने स्थापत्य और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाने जाते हैं।

पश्चिमी देशों में शिव मंदिर

अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, और अन्य पश्चिमी देशों में प्रवासी भारतीयों और हिंदू समुदाय द्वारा भगवान शिव के कई मंदिर बनाए गए हैं। यहां के शिव मंदिरों में नियमित पूजा-अर्चना और धार्मिक समारोह आयोजित किए जाते हैं। खासकर शिवरात्रि के अवसर पर ये मंदिर भक्तों से भर जाते हैं और यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है।

शिव की लोकप्रियता का कारण

भगवान शिव की लोकप्रियता का एक बड़ा कारण उनका सहज और सरल व्यक्तित्व है। वे योगी हैं, तपस्वी हैं, और संसार के पालनहार भी। शिवलिंग उनकी अनंत ऊर्जा का प्रतीक है, और उनकी पूजा से भक्तों को मोक्ष और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। यही वजह है कि शिव की पूजा सिर्फ हिंदू धर्म तक सीमित नहीं, बल्कि विश्वभर में फैल चुकी है।

निष्कर्ष

भगवान शिव के मंदिर केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व के कई देशों में मौजूद हैं और वहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव की आराधना करते हैं। उनकी महिमा और भक्ति की शक्ति ने विश्व के कोने-कोने में अपनी छाप छोड़ी है। चाहे भारत का कोई प्राचीन मंदिर हो या विदेश का कोई नया शिवालय, हर जगह भक्तों की श्रद्धा भगवान शिव के प्रति समान रूप से गहरी देखी जा सकती है। शिव की यह वैश्विक पूजा उनकी विराटता और सभी में समानता का प्रतीक है।

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