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यहां रहते हैं जिंदा भूत, छूने से हो जाती है इंसान की मौत

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दुनिया रहस्यों से भरी हुई है। भूत-प्रेत, काला जादू, आत्माएं और अदृश्य शक्तियों को लेकर सदियों से कहानियां कही-सुनी जाती रही हैं। विज्ञान इन बातों को आज भी स्वीकार नहीं करता, लेकिन कुछ स्थान ऐसे हैं जहां इन बातों पर लोगों की अटूट आस्था है। अफ्रीका के एक छोटे से देश बेनिन में रहने वाला एक रहस्यमयी समुदाय इसी का उदाहरण है। यहां के कुछ लोगों को 'जिंदा भूत' कहा जाता है, और ऐसा माना जाता है कि अगर ये किसी को छू लें, तो उसकी मौत हो जाती है।

बेनिन: काले जादू की जन्मस्थली

पश्चिम अफ्रीका में स्थित बेनिन नाम का यह देश आकार में भले छोटा है, लेकिन काले जादू और रहस्यमयी परंपराओं को लेकर इसकी पहचान बहुत बड़ी है। कहा जाता है कि वूडू (Voodoo) जैसी तांत्रिक परंपराओं की शुरुआत यहीं से हुई थी। यहां के कई समुदाय आज भी आत्माओं, पूर्वजों और अदृश्य शक्तियों की पूजा करते हैं।

इगुनगुन समुदाय: जिंदा भूतों की रहस्यमयी दुनिया

बेनिन में एक विशेष समुदाय है जिसे इगुनगुन (Egungun) कहा जाता है। यह कोई आम जनसमुदाय नहीं, बल्कि एक गुप्त धार्मिक समाज (Secret Society) है। यहां के लोग मानते हैं कि इगुनगुन समुदाय के सदस्य वास्तव में "जिंदा भूत" होते हैं। इनके शरीर में मृत पूर्वजों की आत्माएं प्रवेश कर चुकी होती हैं, और ये आत्माएं धरती पर आकर लोगों का मार्गदर्शन करती हैं।

इनका पहनावा बेहद खास होता है — ये सिर से पांव तक रंग-बिरंगे कपड़ों में ढंके होते हैं, और एक लंबा लबादा (घूंघट जैसा वस्त्र) पहनते हैं। इनका चेहरा पूरी तरह से छुपा रहता है ताकि कोई भी इनकी असली पहचान न जान सके।

छूना मना है, जानलेवा है!

स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, इगुनगुन समुदाय के किसी भी सदस्य को यदि कोई सामान्य व्यक्ति छू ले, तो वह व्यक्ति तुरंत मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। इतना ही नहीं, जिस इगुनगुन को छुआ गया, वह भी मारा जाता है। इसलिए इगुनगुन लोगों की सुरक्षा के लिए माइंडर्स (Minders) नामक कुछ रक्षक हमेशा साथ रहते हैं, जिनके हाथों में लंबी छड़ियां होती हैं। यदि कोई व्यक्ति इगुनगुन के करीब जाने की कोशिश करता है, तो ये माइंडर्स तुरंत उसे रोकते हैं।

आत्माओं का संदेशवाहक

इगुनगुन समुदाय के लोग केवल डर का कारण नहीं हैं, बल्कि उन्हें गांव के फैसले लेने, विवाद सुलझाने और लोगों की समस्याओं का समाधान देने के लिए भी बुलाया जाता है। यह विश्वास किया जाता है कि जब इगुनगुन किसी स्थान पर आते हैं, तो उनके माध्यम से पूर्वजों की आत्माएं बोलती हैं। यही आत्माएं न्याय करती हैं और राय देती हैं।

इनकी आवाज गूंजती हुई और रहस्यमयी होती है। वे बेहद ऊंचे स्वर में अस्पष्ट शब्दों में बोलते हैं, जिससे लोगों को डर भी लगता है और सम्मान भी होता है।

रहस्य, श्रद्धा और डर का संगम

बेनिन का यह इगुनगुन समुदाय रहस्य और आस्था का अद्भुत मिश्रण है। आधुनिक युग में जहां लोग विज्ञान और तकनीक पर भरोसा करते हैं, वहीं बेनिन के लोग आज भी आत्माओं, जादू और परंपराओं को जीवन का हिस्सा मानते हैं। इगुनगुन न केवल स्थानीय संस्कृति का अहम हिस्सा हैं, बल्कि दुनिया भर के शोधकर्ताओं, पर्यटकों और रहस्य प्रेमियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र हैं।

निष्कर्ष: क्या वाकई होते हैं ‘जिंदा भूत’?

इगुनगुन समुदाय को लेकर फैली मान्यताएं विज्ञान की कसौटी पर खरा उतरें या नहीं, लेकिन यह बात तय है कि यह समुदाय लोककथाओं, परंपराओं और भय के ताने-बाने से बना एक अनोखा उदाहरण है। 'जिंदा भूत' जैसे शब्दों को हम अक्सर फिल्मों या किताबों में सुनते हैं, लेकिन बेनिन की सड़कों और गांवों में ये कथाएं साकार होती नजर आती हैं। शायद यही दुनिया का असली रहस्य है — जहां विज्ञान खत्म होता है, वहीं से विश्वास और डर की दुनिया शुरू होती है।

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