उज्जैन के काल भैरव मंदिर के इस रहस्य को जानकर आपके भी खडे हो जाएंगे रोंगटे, आज भी है अनसुलझा, वीडियो में जानें इसके बारे में सबकुछ

बाबा काल भैरव भगवान शिव के क्रोधित या रूद्र रूप अवतार हैं। भैरव का अर्थ है भय को दूर करने वाला। काल भैरव जयंती मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी को मनाई जाती है। इस वर्ष मंगलवार, 5 दिसंबर 2023 को काल भैरव जयंती है। काल भैरव बाबा को काशी का कोतवाल भी कहा जाता है। काशी के अलावा उज्जैन का भैरव बाबा मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। उज्जैन का काल भैरव मंदिर अपने एक चमत्कार के लिए जाना जाता है। इस भैरव मंदिर में बाबा काल भैरव को शराब चढ़ाई जाती है। यहां भैरव बाबा की पूजा सामग्री में मदिरा या शराब एक महत्वपूर्ण भोग है। आइये जानते हैं बाबा भैरव को शराब चढ़ाने के पीछे क्या कारण है।
...इसलिए शराब चढ़ाई जाती है
काल भैरव को तामसिक प्रकृति का देवता माना जाता है। बुराइयों को खत्म करने और उन्हें अपने अंदर समाहित करने के लिए भैरव बाबा मदिरा का आनंद लेते हैं। इसलिए इस मंदिर में उन्हें शराब चढ़ाई जाती है। कहा जाता है कि पहले भैरव बाबा को भोग में शराब के साथ मांस भी चढ़ाया जाता था, लेकिन बाद में केवल शराब चढ़ाने की प्रथा चल पड़ी। काल भैरव के मंदिर में शराब चढ़ाना भी संकल्प और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसीलिए लोग यहां शराब चढ़ाते हैं, लेकिन प्रसाद के रूप में भी इस शराब का सेवन नहीं करते। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में प्रतिदिन लगभग 2000 बोतल शराब चढ़ाई जाती है।
मूर्ति शराब पीती है।
इस मंदिर में दूर-दूर से लोग बाबा भैरव के दर्शन के लिए आते हैं। ताकि उन्हें अपने दुखों और कष्टों से मुक्ति मिल सके। अचेतन भय से छुटकारा पाएं. इसके अलावा शत्रुओं से मुक्ति दिलाने और उन्हें परास्त करने में भी काल भैरव बाबा का आशीर्वाद बहुत कारगर होता है। इस मंदिर के बारे में एक रोचक और चमत्कारी तथ्य यह है कि इस मंदिर में मौजूद भगवान काल भैरव की मूर्ति मदिरा का सेवन करती है।
पुरातत्व विभाग और वैज्ञानिक भी इस रहस्य का पता लगाने में असफल रहे हैं। इसलिए यह रहस्य अभी भी अनसुलझा है। यह भी मान्यता है कि रविवार के दिन काल भैरव के मंदिर में शराब चढ़ाने से व्यक्ति को सभी प्रकार के ग्रह दोषों से मुक्ति मिल जाती है। यह काल सर्प दोष, अकाल मृत्यु और पितृ दोष जैसे खतरनाक दोषों से भी राहत दिलाता है।