इंसानी आकार का उड़ने वाला रोबोट iRonCub MK3, इटली के वैज्ञानिकों ने बनाया नामुमकिन को मुमकिन

तकनीकी दुनिया में एक क्रांतिकारी कदम उठाया गया है। इटली के वैज्ञानिकों ने ऐसा उड़ने वाला रोबोट विकसित किया है जो न केवल इंसान की तरह दिखता है, बल्कि उड़ भी सकता है। इस रोबोट का नाम है iRonCub MK3। हाल ही में इस रोबोट ने पहली बार सफलतापूर्वक वर्टिकल टेकऑफ कर अपनी उड़ान क्षमता का परिचय दिया है। इसे भविष्य के उड़ने वाले रोबोट की कल्पना को हकीकत में बदलने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
इंसानी आकार और उड़ान क्षमता का अनोखा संयोजन
Italian Institute of Technology (IIT) द्वारा विकसित iRonCub MK3 की बनावट एक बच्चे के आकार पर आधारित है। यह रोबोट करीब 1 मीटर ऊंचा और वजन में लगभग 22 किलोग्राम है। इसकी खासियत यह है कि इसे चार थ्रस्टर्स की मदद से उड़ाया जाता है। इनमें से दो थ्रस्टर्स इसके हाथों में लगे हैं और बाकी दो पीठ पर, जो एक तरह के जेटपैक की तरह काम करते हैं। 18 जून को IIT ने यूट्यूब पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें iRonCub MK3 को लगभग 50 सेंटीमीटर ऊंचाई पर उड़ते हुए दिखाया गया है। वीडियो में यह रोबोट सेफ्टी सस्पेंडर से बंधा हुआ है, ताकि उड़ान पूरी तरह नियंत्रित और सुरक्षित हो सके।
iRonCub MK3: iCub3 रोबोट का उन्नत संस्करण
यह रोबोट दरअसल 2009 में लॉन्च हुए iCub3 का अपडेटेड मॉडल है। पहले के मॉडल की तुलना में इसमें कई तकनीकी सुधार किए गए हैं। जैसे कि:
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टाइटेनियम की रीढ़ (spine), जो मजबूत और हल्की है।
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गर्मी से बचाने वाले पैनल, जो थ्रस्टर्स के तापमान को नियंत्रित रखते हैं।
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जेट इंजन के लिए बेहतर माउंटिंग ब्रैकेट्स।
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थ्रस्टर्स के एंगल का विशेष समायोजन, जिससे उड़ान में स्थिरता बढ़ी है।
फिलहाल, iRonCub MK3 की बाहें हटा दी गई हैं ताकि हाथों में लगे थ्रस्टर्स के लिए जगह बन सके, लेकिन भविष्य में इन्हें पुनः जोड़ा जाएगा।
सुरक्षा और परीक्षण: आग का खतरा टाला गया
उड़ने वाले रोबोट के विकास में सबसे बड़ा खतरा था थ्रस्टर्स का अत्यधिक तापमान। ये तापमान 600 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा सकता था, जिससे रोबोट के जलने का खतरा था। पहले के प्रोटोटाइप टेस्टिंग में आग लगने जैसी घटनाएं भी सामने आईं थीं। इसी समस्या को देखते हुए वैज्ञानिकों ने iRonCub MK3 को heat-resistant (ताप-प्रतिरोधी) सामग्री से लैस किया है, जिससे यह रोबोट अब सुरक्षित रूप से उड़ान भर सकता है। इससे भविष्य में और भी उन्नत उड़ने वाले रोबोट बनाने की राह आसान हुई है।
उड़ान नियंत्रण: अत्याधुनिक फ्लाइट कंट्रोल तकनीक
iRonCub MK3 की उड़ान को नियंत्रित करना सबसे चुनौतीपूर्ण काम था। इसके लिए सभी जोड़ (joints) और थ्रस्टर्स को एक साथ समन्वित करना पड़ता है ताकि उड़ान के दौरान असंतुलन न हो। वैज्ञानिकों ने इसके लिए Linear Parameter Varying Model Predictive Control नाम की अत्याधुनिक फ्लाइट कंट्रोल तकनीक अपनाई है। यह तकनीक लगातार रोबोट के जॉइंट्स की पोजिशन और जेट की स्पीड का कैल्कुलेशन करती रहती है, जिससे उड़ान संतुलित रहती है और रोबोट उल्टा नहीं होता।
भविष्य की संभावनाएं: रेस्क्यू से लेकर मरम्मत तक
इस तरह के उड़ने वाले रोबोट्स का भविष्य बेहद व्यावहारिक और व्यापक है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसे रोबोट्स का उपयोग उन जगहों पर किया जा सकता है, जहां इंसान जाना कठिन या असंभव होता है। उदाहरण के तौर पर:
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ढहे हुए भवनों में रेस्क्यू ऑपरेशन।
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बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत कार्य।
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रासायनिक या परमाणु रिसाव जैसी खतरनाक जगहों पर जांच।
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मलबा हटाने और पीड़ितों को खोज निकालने में सहायता।
इसके अलावा, ये रोबोट ऊंची इमारतों, पुलों के नीचे, या ऐसी जगहों पर मरम्मत का कार्य भी कर सकते हैं, जहां पहुंचना मुश्किल होता है।
आगे का रास्ता: उड़ान नियंत्रण और मजबूती
वर्तमान में IIT की टीम iRonCub MK3 के फ्लाइट कंट्रोलर को और बेहतर बनाने पर काम कर रही है, ताकि रोबोट हवा में तेज झोंकों, खराब मौसम और अन्य बाहरी परेशानियों का सामना भी कर सके।
भविष्य में ऐसे रोबोट को और अधिक बुद्धिमान, मजबूत और भरोसेमंद बनाने के लिए शोध जारी है, ताकि यह विभिन्न आपदा प्रबंधन, औद्योगिक और सैन्य क्षेत्रों में उपयोगी साबित हो सके।