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भारत के अजीबो-गरीब मंदिर जहां पूजे जाते हैं खलनायक, लिस्ट के नाम देखकर फटी राह जायेंगी आंखें 

भारत के अजीबो-गरीब मंदिर जहां पूजे जाते हैं खलनायक, लिस्ट के नाम देखकर फटी राह जायेंगी आंखें 

भारत में कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से अरुणाचल तक कई मंदिर देखने को मिलते हैं। हिंदू धर्म के अनुसार यहां 33 करोड़ देवी-देवता हैं जिनकी पूजा की जाती है। ये मंदिर न केवल धार्मिक मान्यताओं के प्रतीक हैं बल्कि भारतीय सांस्कृतिक विविधता का भी हिस्सा हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में ऐसे भी मंदिर हैं जहां हिंदू पौराणिक कथाओं के खलनायकों की भी पूजा की जाती है?

शकुनि मंदिर
महाभारत के प्रसिद्ध खलनायक शकुनि मामा का मंदिर केरल के कोल्लम जिले के पवित्रेश्वरम में है। शकुनि को पांडवों और कौरवों के बीच कुरुक्षेत्र युद्ध करवाने का जिम्मेदार माना जाता है। केरल के कुरवा समुदाय ने उनकी याद में एक मंदिर बनवाया है और इसे पवित्र स्थान मानते हैं। इस मंदिर की देखभाल भी इसी समुदाय के लोग करते हैं। कोल्लम जिले में स्थित इस मंदिर तक पहुंचने के लिए ट्रेन या हवाई सेवा का इस्तेमाल किया जा सकता है।

गांधारी मंदिर
महाभारत में कौरवों की माता गांधारी को पांडवों के विरोध के कारण एक नकारात्मक चरित्र के रूप में देखा गया है। अपने पति धृतराष्ट्र की अंधेपन को देखकर गांधारी ने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली और जीवन भर अंधी रहीं। 2008 में मैसूर के नंजागुड में 2.5 करोड़ रुपए की लागत से उनका मंदिर बनाया गया। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए सीधी ट्रेन और फ्लाइट की सुविधा है।

दुर्योधन मंदिर
महाभारत का युद्ध दुर्योधन की वजह से लड़ा गया था। दुर्योधन का मंदिर केरल के पोरुवाझी में भी है और यह शकुनि मंदिर के पास है। इस मंदिर को पेरुवती मलानाडा मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां किसी मूर्ति की जगह सिर्फ एक चबूतरा है, जहां लोग ताड़ी, सुपारी, चिकन और लाल कपड़ा चढ़ाते हैं।

कर्ण मंदिर
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में कर्ण का मंदिर है। महाभारत में कर्ण को दानवीर के नाम से जाना जाता है, लेकिन कौरवों के साथ युद्ध में उन्होंने पांडवों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, इसलिए उन्हें खलनायक के तौर पर भी देखा जाता है। यहां लोग अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए मंदिर की दीवारों पर सिक्के फेंकते हैं। कर्ण मंदिर तक पहुंचने के लिए हवाई जहाज या ट्रेन से देहरादून जाना पड़ता है और वहां से बस या टैक्सी लेकर उत्तरकाशी पहुंचा जा सकता है।

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