भारत का सबसे डरावना गांव, जहां से रातोंरात रहस्यमयी तरीके से गायब हो गए थे लोग
भारत के इतिहास में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इन घटनाओं से जुड़े रहस्य के बारे में जानकर आश्चर्य होता है। राजस्थान के जैसलमेर जिले में एक ऐसा गांव है, जो रातों-रात खाली हो गया। कहा जाता है कि जैसलमेर से करीब 20 किमी दूर कुलधरा गांव में भूतों का साया है। जिसके कारण लोग यहां जाने से डरते हैं। इस गांव में कई पुराने घर बने हुए हैं, जो अब खंडहर में तब्दील हो चुके हैं।
राजस्थान का कुलधरा गांव देश की भुतहा जगहों में गिना जाता है। बताया जाता है कि करीब दो साल पहले इस गांव से लोग रातों-रात पलायन कर गये थे. तब से इस गांव में कोई रहने नहीं आया और गांव वीरान हो गया। इस गांव को शापित भी कहा जाता है. इस गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना जुड़ी हुई है. आज भी जर्जर मकान उस घटना की गवाही देते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां अक्सर भूतिया घटनाएं होती रहती हैं, जिसके कारण लोग यहां भूलकर भी नहीं जाते।
कुलधरा गांव कभी बेहद खूबसूरत था, लेकिन एक घटना ने इस गांव को रेगिस्तान में बदल दिया। कुलधरा गांव की ऐसी स्थिति कभी नहीं थी. कहा जाता है कि पहले यह गांव बेहद खूबसूरत था। लगभग 200 साल पहले कुलधरा गांव में पालीवाल ब्राह्मणों की बड़ी आबादी थी। साल 1825 में लोगों ने अचानक यह गांव खाली कर दिया। ऐसा माना जाता है कि गांव छोड़ते समय लोगों ने श्राप दिया था कि जो भी इस गांव में बसने की कोशिश करेगा वह पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा।उस घटना के बाद यह शापित गांव रेगिस्तान में तब्दील हो गया। आख़िर किस कारण से पालीवाल ब्राह्मणों और अन्य लोगों को यह गाँव खाली करना पड़ा? ऐसा कहा जाता है कि पालीवाल ब्राह्मणों ने 1291 में कुलधरा गांव बसाया था और उस समय यह एक समृद्ध गांव था। इस गाँव में अधिकांश ब्राह्मण रहते थे और भूमि कृषि, पशुपालन और व्यापार के लिए उपयुक्त थी।
पालीवाल ब्राह्मण पाली के निवासी थे, लेकिन वे सभी 11वीं शताब्दी में पाली से विस्थापित हो गए और राजस्थान के विभिन्न स्थानों जैसे जोधपुर, जैसलमेर, साथलमेर, बीकानेर आदि में बस गए। कुलधरा गाँव उस समय बहुत समृद्ध था। पहले इस गांव में बड़ी-बड़ी हवेलियां थीं।किंवदंती के अनुसार, राज्य के दीवान सलेम सिंह की नजर गांव के एक ब्राह्मण की बेटी शक्ति मैया पर थी। वह उससे शादी करना चाहता था, वहीं दूसरी ओर गांव के ब्राह्मण अपनी बेटी की शादी किसी अन्य समुदाय में नहीं करना चाहते थे. इसके बाद सलेम सिंह ने गांव वालों को धमकी दी कि अगर उन्होंने उसकी शादी शक्ति मैया से नहीं कराई तो वह पूरे गांव को तबाह कर देगा।