भारत का सबसे अनोखा शिव मंदिर, जिसकी सुरक्षा करता है मेंढक, इस महाशिरात्रि आप भी जरूर करें दर्शन

भारत में लाखों मंदिर हैं। जिनमें से कई मंदिर ऐसे हैं जो रहस्यमयी हैं। इन मंदिरों में भगवान के भक्तों को चमत्कार देखने को मिलते हैं। आपने अपने आस-पास कई शिव मंदिर देखे होंगे। आपने इन मंदिरों में नंदी की मूर्ति अवश्य देखी होगी। वहीं दूसरी ओर हम आपको भगवान शिव के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी रखवाली एक मेंढक करता है। यह अनोखा मंदिर यूपी में स्थित है, जिसे मेंढक मंदिर के नाम से जाना जाता है।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के ओयल कस्बे में स्थित भगवान शिव का यह मंदिर बहुत प्राचीन है। इस मंदिर का निर्माण मण्डूक यंत्र के आधार पर किया गया है। मेंढक द्वारा संरक्षित होने के कारण इसका नाम मेंढक मंदिर पड़ा। आपको बता दें कि इस मंदिर की सुरक्षा का जिम्मा 11वीं शताब्दी से चाहमान शासकों के पास था। चाहमान वंश के राजा बख्श सिंह ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। इस मंदिर का निर्माण तंत्र विद्या के आधार पर किया गया था।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में भगवान शिव बरसाती मेंढक की पीठ पर विराजमान हैं। इस दौरान मेंढक उनकी रखवाली करता है। यह भारत का एकमात्र मंदिर है, जिसमें भगवान शिव की रक्षा एक मेंढक कर रहा है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करता है उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। इस मंदिर के बारे में कई चमत्कारी कहानियाँ प्रसिद्ध हैं। दीपावली के दिन इस मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
इस मंदिर के बारे में एक और बात कही जाती है कि इसमें स्थापित शिवलिंग दिनभर में कई बार रंग बदलता है। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग को नर्मदेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। आपको बता दें कि इस मंदिर के निर्माण में संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है। इस मंदिर में भगवान नंदी की मूर्ति खड़ी अवस्था में स्थापित की गई है। तंत्र शास्त्र के अनुसार निर्मित मंदिर का छत्र इसी पर आधारित है। पहले यह छाता सूर्य के प्रकाश के साथ घूमता था। हालाँकि, अब यह छतरी उचित रखरखाव के अभाव में ख़राब हो गई है।