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मिजोरम में है ‘इकलौता’ रेलवे स्टेशन, वर्षों से लोग कर रहे दूसरे स्टेशन का इंतजार

भारतीय रेलवे नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है। भारतीय रेलवे नेटवर्क की कुल लंबाई 67,415 किमी है औ.........
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भारतीय रेलवे नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है। भारतीय रेलवे नेटवर्क की कुल लंबाई 67,415 किमी है और इसमें 7,349 स्टेशन हैं। भारतीय रेलवे अन्य देशों के रेलवे नेटवर्क की तुलना में अधिक लोगों को परिवहन करता है और विभिन्न शहरों और गांवों को जोड़ता है। यही कारण है कि भारतीय रेल नेटवर्क विश्व में अपना महत्व रखता है। इसके अलावा, यह भी महत्वपूर्ण है कि हमारे देश में एक से अधिक रेलवे स्टेशनों का नाम है। जो आपको हंसाता है. इसी कड़ी में आज हम आपको भारतीय रेलवे के बारे में कुछ ऐसा बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।

जी हां, आज हम एक ऐसे राज्य के बारे में बात करेंगे जहां सिर्फ एक ही रेलवे स्टेशन है। यहां के लोगों को कहीं भी जाने के लिए इसी स्टेशन पर आना पड़ता है। यह राज्य कोई और नहीं बल्कि भारत का खूबसूरत उत्तर पूर्वी राज्य मिजोरम है। मिजोरम के बैराबी रेलवे स्टेशन पर केवल एक ही प्लेटफॉर्म है जहां यात्री अपनी यात्रा को आरामदायक बनाने के लिए विश्राम कर सकते हैं। इस स्टेशन से कुछ ट्रेनें चलती हैं जैसे विवेक एक्सप्रेस जो दिल्ली से चलती है और कुछ अन्य जो मिजोरम के अन्य शहरों जैसे आइजोल और सिलचर से जुड़ी हैं। फिर भी बैराबी रेलवे स्टेशन को इतना महत्वपूर्ण बनाने वाली बात यह है कि यह भारत में सबसे कम देखे जाने वाले पर्यटक स्थलों में से एक है।

बैराबी रेलवे स्टेशन पर पानी की टंकी, टिकट काउंटर और इंटरकॉम सिस्टम जैसी बुनियादी सुविधाएं हैं। इस स्टेशन पर भोजन की कोई सुविधा नहीं है और इसके निकट कोई रेस्तरां भी नहीं है, लेकिन रेलवे स्टेशन के आसपास के क्षेत्रों में होटल और रेस्तरां उपलब्ध हैं। इसका पुनर्विकास 2016 में शुरू हुआ था। इससे पहले यह स्टेशन और भी छोटा था। इस स्टेशन पर रेलगाड़ियों की आवाजाही के लिए चार ट्रैक हैं जो सभी अधिकतम तापमानों में अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं। कथकल जंक्शन रेलवे स्टेशन से बैराबी रेलवे स्टेशन तक सम्पर्क है तथा इससे आगे भी रेलवे लाइन के निर्माण की संभावना है। इससे मिजोरम के लोगों को और भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

यद्यपि, अन्य राज्यों की तुलना में मिजोरम में रेलवे लाइनों का अभाव है, फिर भी सरकार ने इसे विकसित करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। मिजोरम में कुछ रेलवे परियोजनाओं के विकास की योजनाएं अभी भी चल रही हैं। इनमें से एक है सिलचर-तुईपुई रेलवे परियोजना जो उत्तर मिजोरम के सिलचर जिले से मणिपुर के तुईपुई जिले तक चलेगी। इस परियोजना के तहत कुछ नये रेलवे स्टेशन बनाने की योजना है। इसके अलावा बिजौली-जिरीबाम रेलवे लाइन के बीच में एक नया स्टेशन बनाने की परियोजना पर भी काम चल रहा है। इस स्टेशन के निर्माण से मिजोरम के लोगों को रेलवे सुविधाओं में और अधिक सुविधा मिल सकेगी।

भारतीय रेलवे का इतिहास 1853 में शुरू हुआ, जब बम्बई से थाने तक 34 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन पहली बार शुरू हुई। उस समय भारत की राजधानी कोलकाता में भी एक छोटी रेलवे लाइन थी, जिसकी शुरुआत वर्ष 1854 में हुई थी, जबकि भारतीय रेलवे की दूसरी सबसे लंबी रेलवे लाइन मुंबई से कल्याण तक 1854 में शुरू की गई थी। वहीं, भारतीय रेलवे की तीसरी सबसे लंबी रेल लाइन 1859 में इलाहाबाद (प्रयागराज, परिवर्तित नाम) से कानपुर तक शुरू की गई थी। भारतीय रेलवे के अनुसार, रोजगार, वित्त और आर्थिक विकास के लिए लगभग 14 लाख करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं और 23 करोड़ यात्रियों का परिवहन किया जाता है। भारतीय रेलवे का संचालन भारत सरकार द्वारा किया जाता है और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। भारतीय रेलवे को वैश्विक स्तर पर भी मान्यता मिली है।

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