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इस मंदिर में हनुमान जी की सिंदूरी नहीं, काले रंग की मूर्ति है स्थापित — धागा बांधने से मिटते हैं रोग

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भारत में हनुमान जी के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, लेकिन जयपुर का काले हनुमान मंदिर इन सबसे अलग और अनोखा है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहाँ हनुमान जी की मूर्ति सिंदूरी रंग में नहीं, बल्कि काले रंग में स्थापित है। इस मंदिर की मान्यता और धार्मिक दृष्टि इसे और भी खास बनाती है, खासकर भक्तों के बीच इसके अनोखे उपाय और चमत्कारी प्रभावों को लेकर।

मंदिर की विशेषता और हनुमान जी की काली मूर्ति

हर जगह हनुमान जी की मूर्तियाँ पारंपरिक रूप से सिंदूरी (लाल) रंग में होती हैं, जो उनके साहस और शक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं। लेकिन काले हनुमान मंदिर में स्थापित मूर्ति का रंग काला है, जो खासतौर पर हनुमान जी के उग्र और रक्षक स्वरूप को दर्शाता है। काले रंग का हनुमान जी का रूप शक्ति, नकारात्मकता का नाश करने और अदृश्य बुराइयों से रक्षा करने का प्रतीक माना जाता है। इस मंदिर में हनुमान जी की यह मूर्ति कई सालों पुरानी बताई जाती है और इसे लेकर भक्तों में एक गहरी आस्था और विश्वास है।

मंदिर की मान्यता और धार्मिक महत्व

काले हनुमान मंदिर की मान्यता जुड़ी है हनुमान जी के उन रूपों से, जो उन्हें विभिन्न संकटों, बुराई और नकारात्मक शक्तियों से मुकाबला करने वाले देवता के रूप में दर्शाते हैं। इस मंदिर में हनुमान जी की पूजा से न केवल आध्यात्मिक उन्नति मिलती है, बल्कि भक्तों को जीवन की परेशानियों से राहत भी मिलती है। खासतौर पर यहाँ रोग नाशक और मानसिक शांति के लिए हनुमान जी की पूजा की जाती है। यहां भक्तों का मानना है कि हनुमान जी की पूजा करने से शारीरिक और मानसिक रूप से मिलने वाली परेशानियाँ, जैसे कि शनि दोष, नज़र दोष, और कर्ज के बोझ से मुक्ति मिलती है।

धागा बांधने की परंपरा

इस मंदिर की एक और दिलचस्प विशेषता है कि यहां भक्त धागा बांधने की प्रथा का पालन करते हैं। माना जाता है कि जब भक्त यहां आकर हनुमान जी की पूजा करते हैं, तो वे अपनी समस्याओं और बीमारियों का समाधान प्राप्त करने के लिए हनुमान जी की मूर्ति के पास एक पीला या लाल धागा बांधते हैं। यह धागा न केवल एक पूजा का हिस्सा होता है, बल्कि यह व्यक्ति के दिल में विश्वास और निष्ठा की शक्ति को भी दर्शाता है। भक्तों का मानना है कि इस धागे के माध्यम से हनुमान जी की कृपा से उनके रोग और समस्याएं दूर हो जाती हैं। इस प्रकार, यह एक धार्मिक उपाय बन गया है, जो हजारों भक्तों के लिए कारगर साबित हुआ है।

मंदिर का महत्व

काले हनुमान मंदिर में हर मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा आयोजित की जाती है, और इन दिनों में यहाँ भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। मंदिर के पवित्र वातावरण और हनुमान जी के प्रति श्रद्धा में वृद्धि देखने को मिलती है। विशेष रूप से, इस मंदिर में सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ भी बड़े धूमधाम से किया जाता है, जो भक्तों के दिलों को शांति और सुख प्रदान करता है।

निष्कर्ष

काले हनुमान मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अपने अनोखे रूप और मान्यताओं के कारण लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र भी बन चुका है। यहां हनुमान जी की काली मूर्ति, धागा बांधने की प्रथा और उग्र रूप में उनकी पूजा करने से लोगों को जीवन की कठिनाइयों और बीमारियों से मुक्ति मिलती है। अगर आप जयपुर जाएं, तो इस मंदिर के दर्शन जरूर करें, क्योंकि यह न केवल आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है, बल्कि आपको आंतरिक शांति और मानसिक स्वास्थ्य भी देता है।

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