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इस मंदिर में शाम होने के बाद रुकने वाला बन जाता है पत्थर, यहां जाने के नाम से भी थर-थर कांपते हैं लोग

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भारत रहस्यमयी स्थलों की भूमि है। यहां हर राज्य में कोई न कोई ऐसा स्थान जरूर है, जो अपनी कहानियों, मान्यताओं और रहस्यों के लिए मशहूर है। ऐसा ही एक स्थान राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित है—किराडू मंदिर। इस मंदिर को लेकर एक ऐसी मान्यता है, जो सुनते ही रोंगटे खड़े कर देती है।

कहा जाता है कि इस मंदिर में शाम ढलने के बाद कोई भी रुक जाए, वह पत्थर का बन जाता है। इसी कारण यहां आने वाले पर्यटक सूर्यास्त से पहले ही मंदिर छोड़ देते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, जो भी इस चेतावनी को नजरअंदाज करता है, उसका अंजाम बहुत ही भयानक होता है।

रहस्य से भरी मान्यता

किराडू मंदिर को लेकर जो कहानी सबसे ज्यादा सुनाई जाती है, उसके अनुसार—कई साल पहले एक साधु यहां तपस्या करने आया था। उसने गांववालों से अपनी देखभाल करने के लिए एक लड़के को सौंपा। जब वह साधु कुछ समय के लिए बाहर गया, तब गांववालों ने उस लड़के की देखभाल करना छोड़ दी, जिससे उसकी मौत हो गई।

साधु जब वापस आया और लड़के की मृत्यु के बारे में जाना, तो वह बेहद नाराज़ हो गया। उसने पूरे गांव को श्राप दे दिया कि जो भी यहां सूर्यास्त के बाद रहेगा, वह पत्थर में बदल जाएगा। यही वजह है कि आज तक इस मंदिर में कोई भी रात बिताने की हिम्मत नहीं करता।

अद्भुत वास्तुकला, डरावना माहौल

किराडू मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है। यहां खंडहरों के बीच बना यह मंदिर प्राचीन स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है। पत्थरों पर की गई नक्काशी, स्तंभों की बनावट और मंदिर की संरचना देखने लायक है। फिर भी, शाम होते ही यहां वीरानी छा जाती है। आसपास के लोग मंदिर के पास भी नहीं जाते।

कुछ लोगों का मानना है कि ये सिर्फ अफवाहें हैं, लेकिन वर्षों से चली आ रही इन मान्यताओं ने लोगों के मन में इतना डर बैठा दिया है कि कोई भी जोखिम नहीं उठाता। दिन के समय पर्यटक यहां दर्शन और फोटोग्राफी के लिए जरूर आते हैं, लेकिन सूर्यास्त से पहले ही लौटना सभी की प्राथमिकता होती है।

क्या है सच्चाई?

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अब तक इस मान्यता की पुष्टि नहीं हो पाई है। न ही ऐसा कोई प्रमाण मिला है जिससे यह सिद्ध हो सके कि वास्तव में कोई व्यक्ति पत्थर में बदल गया हो। परंतु स्थानीय लोगों की मान्यताएं और श्रद्धा आज भी इस रहस्य को जीवित रखे हुए हैं।

निष्कर्ष

किराडू मंदिर एक तरफ जहां इतिहास और कला की जीवंत मिसाल है, वहीं दूसरी तरफ यह एक ऐसे रहस्य को भी समेटे हुए है, जो आज भी अनसुलझा है। चाहे यह सच हो या केवल एक किंवदंती, पर यह निश्चित है कि यह मंदिर हर किसी के मन में एक अलग ही जिज्ञासा और रोमांच पैदा करता है।

अगर आप रहस्यों के प्रेमी हैं और प्राचीन भारत की अद्भुत वास्तुकला को करीब से देखना चाहते हैं, तो किराडू मंदिर जरूर जाएं—लेकिन सूरज ढलने से पहले वापस लौटना न भूलें!

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