क्या बच्चों की पिटाई ज़रूरी है या गलत?
इस सवाल पर पूरी दुनिया में बहस छिड़ी है।
अब दक्षिण कोरिया (South Korea) ने बड़ा फैसला लेते हुए एक ऐसा कानून बदल दिया है, जिससे अब मां-बाप भी बच्चों की पिटाई नहीं कर पाएंगे। वरना हो सकती है जेल!
⚖️ कानून में ऐतिहासिक बदलाव:
दक्षिण कोरिया की सरकार ने 59 साल पुराने कानून को खत्म कर दिया है, जो माता-पिता को यह अधिकार देता था कि वे बच्चों को अनुशासन सिखाने के लिए पीट सकते हैं।
अब बच्चों की पिटाई = अपराध मानी जाएगी।
ऐसा करने वाले मां-बाप को सजा और जुर्माना झेलना पड़ सकता है।
🗣️ सरकार का क्या कहना है?
दक्षिण कोरिया के सामाजिक कल्याण मंत्री पार्क नेउंग-हू का कहना है:
“बच्चों के खिलाफ हिंसा अब गंभीर सामाजिक समस्या बन चुकी है। समय आ गया है कि इसे खत्म किया जाए।”
😠 जनता खुश नहीं, उठा रहे सवाल:
इस कानून को लेकर लोगों में भारी नाराजगी है।
🔸 कुछ पैरेंट्स का कहना है कि बच्चों को सुधारने के लिए कभी-कभी पिटाई जरूरी होती है।
🔸 पैरेंट एसोसिएशन की प्रमुख ली क्यूंग-जा ने साफ कहा:
“मैं अपने बच्चों को मारूंगी, चाहे मुझे सजा ही क्यों न हो जाए।”
🔸 एक नागरिक बोले:
“बच्चा हमारा है, जिम्मेदारी हमारी है, सरकार घरेलू मामलों में क्यों दखल दे रही है?”
📊 क्या कहता है सर्वे?
एक सर्वे के मुताबिक:
👉 76% दक्षिण कोरियाई लोग बच्चों की पिटाई को सही मानते हैं।
👉 साल 2001 से 2017 के बीच बच्चों के खिलाफ अपराधों की संख्या बढ़ी है।
👉 सरकार का कहना है कि अब वक्त है कि इस सोच को बदला जाए।
🏫 पहले स्कूलों में भी थी मारपीट की छूट!
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साल 1960 से यह कानून एक्टिव था।
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स्कूलों में भी यह 2010 तक लागू था।
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यानी स्कूल और घर दोनों में बच्चे पिटाई से नहीं बच पाते थे।
🤔 आपका क्या मानना है?
क्या बच्चों की पिटाई जरूरी है या फिर यह सिर्फ मानसिक और शारीरिक हिंसा है?
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