वीडियो में जाने जलमहल के नीचे दबे हैं खौफनाक राज़, पानी में डूबी उन मंज़िलों में क्या होता था ऐसा कि आज भी लोगों की कांप जाती हैरूह ?

राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित जलमहल एक ऐसा अद्भुत और रहस्यमय स्थापत्य है, जो अपने सुंदरता से जितना मन मोह लेता है, उससे कहीं अधिक रहस्य अपने भीतर छुपाए बैठा है। मानसागर झील के बीचों-बीच स्थित यह महल सिर्फ बाहर से देखने पर ही आकर्षक नहीं लगता, बल्कि इसके नीचे की पानी में डूबी मंज़िलों के बारे में जानकर किसी की भी रूह कांप सकती है। ऐसा कहा जाता है कि जलमहल की इन डूबी हुई मंज़िलों में सदियों पुराने खौफनाक राज़ दफन हैं, जिनका सच आज तक कोई पूरी तरह नहीं जान पाया।
जलमहल की रहस्यमयी बनावट
जलमहल को देखने पर ऐसा लगता है जैसे यह महल सिर्फ एक या दो मंज़िल का है, लेकिन असल में यह पाँच मंज़िला इमारत है, जिसमें से चार मंज़िलें हमेशा पानी में डूबी रहती हैं। मानसून के समय पानी और अधिक भर जाता है, जिससे पूरा महल मानो झील में तैरता हुआ नजर आता है। इसके निर्माण की शैली राजपूत और मुग़ल स्थापत्य का अद्भुत संगम है। यह महल जयसिंह द्वितीय द्वारा 18वीं सदी में बनवाया गया था, लेकिन समय के साथ-साथ इसके अंदर की कहानियाँ धीरे-धीरे दबी रह गईं।
पानी में डूबी मंज़िलें और खौफ का इतिहास
कहा जाता है कि जलमहल की डूबी हुई मंज़िलों में अंधेरे गलियारों और कमरों का एक ऐसा जाल है, जिसमें एक बार कोई गया तो फिर कभी बाहर नहीं आ पाया। पुराने समय में इन कमरों का उपयोग किस लिए किया जाता था – इस पर इतिहासकारों में भी मतभेद है। कुछ मानते हैं कि यहां रानियों का गुप्त विश्राम कक्ष था, तो कुछ इसे कैदियों की कालकोठरी बताते हैं।स्थानीय लोग कहते हैं कि रात के समय झील से कभी-कभी अजीबो-गरीब आवाजें आती हैं – जैसे किसी के रोने या चिल्लाने की। कई बार पर्यटकों ने भी झील के किनारे खड़े होकर झील के बीच से आती रहस्यमयी आहटों को महसूस किया है। हालांकि इन बातों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है, लेकिन जो कोई भी जलमहल के रहस्यों से परिचित है, वो इन्हें पूरी तरह नकार नहीं सकता।
क्यों नहीं की जाती इन मंज़िलों की जांच?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर जलमहल की इन डूबी हुई मंज़िलों में रहस्य छिपे हैं तो अब तक उनकी जांच क्यों नहीं की गई? असल में जलमहल की संरचना इतनी नाजुक है कि पानी के नीचे जाकर उसमें किसी तरह की खुदाई या खोजबीन से इसके ढहने का खतरा बना रहता है। साथ ही, सुरक्षा कारणों से आम लोगों को जलमहल के भीतर जाने की अनुमति नहीं दी जाती।राजस्थान सरकार और पुरातत्व विभाग समय-समय पर संरक्षण कार्य तो करते हैं, लेकिन अभी तक कोई विस्तृत अध्ययन इन पानी में डूबी मंज़िलों को लेकर सामने नहीं आया है। यह भी एक कारण है कि इस महल से जुड़ी कहानियों में और भी रहस्य जुड़ते जाते हैं।
पर्यटन स्थल के पीछे छिपी सच्चाई
आज जलमहल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। लोग इसकी खूबसूरत झील के किनारे खड़े होकर तस्वीरें खिंचवाते हैं और इसकी भव्यता को निहारते हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इस खूबसूरत महल के नीचे सदियों पुराना एक अदृश्य डर छुपा है – जिसे कोई देख नहीं सकता, सिर्फ महसूस कर सकता है।