डॉक्टर-हकीम से हो गए हैं निराश तो इस मंदिर में होगा हर बीमारी का इलाज! बस नमक और गुड़ का लगाएं भोग

भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित वैथीश्वरन कोइल एक प्राचीन और प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का विशेष महत्व शिव के एक ऐसे रूप के कारण है जिन्हें वैद्यनाथर या वैथीश्वरन कहा जाता है, जिसका अर्थ है “चिकित्सा के देवता।” यहाँ आस्था रखने वाले भक्त मानते हैं कि इस मंदिर में शिवजी की आराधना से सभी प्रकार की बीमारियां ठीक हो जाती हैं और व्यक्ति को उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त होता है।
वैथीश्वरन का अर्थ और नवग्रहों से संबंध
वैथीश्वरन नाम ‘वैद्य’ (डॉक्टर) और ‘ईश्वर’ (भगवान) शब्दों से बना है। शिवजी के इस रूप को चिकित्सा के देवता के रूप में पूजा जाता है। यह मंदिर नवग्रहों से जुड़े नौ मंदिरों में से एक है और विशेष रूप से मंगल ग्रह (अंगारक) से जुड़ा माना जाता है। मंगल ग्रह की पूजा के लिए यहाँ विशेष आयोजन होते हैं, जो जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सहायक माने जाते हैं।
मंदिर की वास्तुकला और सांस्कृतिक महत्त्व
वैथीश्वरन कोइल मंदिर लगभग 10.7 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। इसका पाँच मंजिला गोपुरम (मुख्य द्वार) अत्यंत सुंदर नक्काशियों से सुसज्जित है, जिसमें चोल राजवंश के समय की शिलालेख भी मौजूद हैं। मंदिर के भीतर कई प्रांगण हैं, जहां भगवान शिव शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं।
पहले प्रांगण में भगवान मुरुगन (सुब्रमण्य) की मूर्ति है, साथ ही नटराज, सोमस्कंद, दुर्गा, सूर्यदेव और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी भक्तों को दर्शन प्रदान करती हैं। दूसरे प्रांगण में देवी थायालनायकी का मंदिर है, जहां देवी औषधीय तेल लेकर खड़ी हैं और भक्तों को रोगमुक्ति का आशीर्वाद देती हैं।
पवित्र जल कुंड और औषधीय गुण
मंदिर के पास स्थित पवित्र जल कुंड के पानी को औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। भक्त इसका पानी स्वास्थ्य लाभ के लिए अपने घर ले जाते हैं। मंदिर रोजाना सुबह 6:00 बजे से रात 8:30 बजे तक खुला रहता है और यहां बड़ी संख्या में भक्त अपनी आराधना और स्वास्थ्य के लिए आते हैं।
मंदिर का विशेष वृक्ष और मंगल ग्रह की पूजा
वैथीश्वरन कोइल मंदिर में नीम का वृक्ष भी पवित्र माना जाता है, जो औषधीय गुणों से भरपूर है। हर मंगलवार को मंदिर में मंगल ग्रह की विशेष पूजा की जाती है और उसकी मूर्ति को जुलूस के रूप में मंदिर के बाहर निकाला जाता है। नवग्रहों की मूर्तियां मंदिर में एक पंक्ति में स्थापित हैं, जो इस मंदिर को अन्य मंदिरों से अलग बनाती हैं।
सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र
मंदिर के आस-पास का गांव ज्योतिष नाड़ी शास्त्र और ताड़ के पत्ते के शिल्प के लिए भी प्रसिद्ध है। मंदिर के प्रवेश द्वार के पास एक छोटा बाजार है जहां पूजा सामग्री, फूल और अन्य वस्तुएं मिलती हैं। यहाँ आकर भक्त न केवल धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, बल्कि इस क्षेत्र की सांस्कृतिक और पारंपरिक विरासत को भी करीब से देख सकते हैं।
वैथीश्वरन कोइल मंदिर को केवल एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि स्वास्थ्य, शांति और समृद्धि की कामना का पवित्र केंद्र माना जाता है, जहां हर बीमारी का इलाज संभव है और भक्तों को जीवन में आशा और सुकून की प्राप्ति होती है।