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पति ने मृत पत्नी के साथ कमरे में गुजारे 6 दिन

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सयूनाइटेड किंगडम यानी ब्रिटेन से एक बेहद भावुक और अनोखी घटना सामने आई है जिसने समाज में मृत्यु को लेकर प्रचलित धारणा और परंपराओं को एक नई सोच दी है। डर्बी शहर में रहने वाले रसेल डेविडसन ने अपनी पत्नी वैंडी डेविडसन की मौत के बाद उनका शव छह दिनों तक अपने घर में, अपने साथ ही रखा।

रसेल की पत्नी वैंडी ने करीब 10 साल तक सर्वाइकल कैंसर से संघर्ष किया था और आखिरकार पिछले महीने 21 अप्रैल को उन्होंने अंतिम सांस ली। रसेल और वैंडी की यह कहानी सिर्फ एक बीमारी से लड़ने की नहीं है, बल्कि उस मानसिक और भावनात्मक जुड़ाव की मिसाल है, जो मृत्यु के बाद भी नहीं टूटा।

“मैं उसे शवगृह में नहीं भेजना चाहता था”

रसेल डेविडसन ने बताया कि उन्होंने पत्नी की मौत के बाद पारंपरिक प्रक्रिया को अपनाने से इनकार कर दिया। उनका मानना था कि मौत कोई डरावनी चीज नहीं है, बल्कि यह भी जीवन का एक चरण है, जिसे सम्मानपूर्वक स्वीकार किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा,

"मैं अपनी पत्नी को किसी शवगृह में नहीं भेजना चाहता था, न ही फ्यूनरल डायरेक्टर को सौंपना चाहता था। मैं चाहता था कि वो हमारे ही घर में, हमारे ही बेडरूम में रहे। मैं उसके पास रहना चाहता था, जैसे हमेशा रहा हूं।"

इस फैसले के पीछे रसेल का मकसद सिर्फ भावनात्मक नहीं था, बल्कि वह समाज में मौत को लेकर फैले डर और अस्पष्टता को चुनौती देना चाहते थे। उन्होंने कहा कि लोग मृत्यु को सिर्फ डर और दूरी से जोड़ते हैं, जबकि अगर मौत को सहज रूप से अपनाया जाए, तो यह भी शांति और प्रेम से भरा अनुभव हो सकता है।

बीमारी से जूझती रही वैंडी, इलाज का अनूठा रास्ता

साल 2006 में वैंडी के 40वें जन्मदिन के आसपास पता चला कि उन्हें सर्वाइकल कैंसर है। इस खबर ने पूरे परिवार को हिला दिया, लेकिन रसेल और वैंडी ने पारंपरिक इलाज की जगह प्राकृतिक चिकित्सा और आहार सुधार पर भरोसा करना चुना।

उन्होंने कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी से इंकार कर दिया, क्योंकि वे मानते थे कि शरीर को प्राकृतिक ढंग से ठीक किया जा सकता है। वे खुद रिसर्च करते थे, और अपने स्तर पर हर संभव इलाज ढूंढ़ते रहे। यह उनका विश्वास और साथ था, जिसने वैंडी को डॉक्टर्स द्वारा दी गई 6 महीनों की भविष्यवाणी के बाद भी करीब 10 साल तक ज़िंदा रखा।

जीवन के अंतिम क्षणों को खास बनाया

2014 में डॉक्टर्स ने वैंडी को बताया कि अब उनके पास ज़्यादा समय नहीं बचा है। इसके बाद रसेल और वैंडी ने मिलकर यूरोप टूर करने का फैसला किया और जिंदगी के उन लम्हों को संजोया, जो शायद किसी सामान्य जिंदगी में नहीं मिल पाते।

हालांकि 2016 में वैंडी की तबीयत बिगड़ने लगी और उन्हें ब्रिटेन लौटना पड़ा। परिवार की इच्छा थी कि वैंडी की मौत अस्पताल में नहीं, घर पर परिवार के बीच हो — और वही हुआ।

वैंडी ने अपनी अंतिम सांस घर पर ली, अपने चाहने वालों के बीच, और रसेल ने मौत के बाद भी उन्हें दूर नहीं जाने दिया।

क्या यह अवैध था?

रसेल के इस फैसले पर कुछ लोगों को आश्चर्य हुआ कि क्या शव को इतने दिन तक घर में रखना कानूनी है? ब्रिटेन के एक वकील के अनुसार, जब तक शव को उचित तरीके से संभाला जाए और अंतिम संस्कार में देरी न हो, तब तक इसे गैरकानूनी नहीं माना जाता।

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