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संभल में अचानक कैसे मिला 400 साल पुराना मंदिर, 1978 से क्यों था बंद? जानिए 'भगवान' का बिजली कनेक्शन

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उत्तर प्रदेश के संभल जिले में प्रशासन का कड़ा एक्शन लगातार जारी है। हाल ही में जामा मस्जिद इलाके में हुई हिंसा के बाद से पुलिस-प्रशासन की सख्ती और बढ़ गई है। इसी कड़ी में शनिवार को संभल प्रशासन ने बिजली चोरी और अतिक्रमण के खिलाफ विशेष अभियान चलाया। भारी पुलिस बल के साथ चलाए गए इस अभियान में जामा मस्जिद इलाके में कई बिजली चोरों के तार काटे गए और अवैध कब्जों को हटाया गया।

400 साल पुराना शिव मंदिर मिला कैद में

अधिकारियों के लिए इस अभियान का सबसे बड़ा खुलासा एक 400 साल पुराने शिव मंदिर का सामने आना था, जो मुस्लिम बहुल इलाके में लगभग 48 साल से कब्जे में था। यह मंदिर लंबे समय से बंद पड़ा था और हिंदू समुदाय के पलायन के कारण इसकी देखरेख कोई नहीं कर पा रहा था।

मंदिर के भीतर भगवान शिव का शिवलिंग, नंदी, हनुमान और कार्तिकेय की मूर्तियां मिलीं, जो इस ऐतिहासिक मंदिर की प्रामाणिकता को दर्शाती हैं। मंदिर के सामने खुदाई के दौरान एक कुएं का भी पता चला है। संभल के जिलाधिकारी ने इस मंदिर की 400 साल पुरानी इतिहासिकता की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि यदि बिजली चोरी की जांच के दौरान यह मंदिर नहीं मिलता, तो यह पूरी तरह से कब्जे में चला जाता।

कब और कैसे मिला मंदिर?

सिंचाई और बिजली चोरी रोकने के लिए प्रशासन ने इलाके में व्यापक जांच शुरू की। पुलिस ने घर-घर जाकर छापेमारी की, तभी यह शिव मंदिर सामने आया। यह मंदिर संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के निवास स्थान से मात्र 200 मीटर की दूरी पर स्थित है।

जिलाधिकारी ने बताया कि मंदिर पर कब्जा करने की योजना पहले से ही बन रही थी। अगर समय रहते इस पर कार्रवाई न होती, तो मंदिर का पुराना और ऐतिहासिक महत्व खत्म हो सकता था। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर का उपयोग किया और मंदिर को अवैध कब्जे से मुक्त कराया।

मंदिर क्यों था बंद?

1978 के बाद से संभल के इस इलाके से हिंदू समुदाय का पलायन शुरू हुआ। इसके कारण मंदिर को देखभाल नहीं मिल सकी और यह लगभग 46 वर्षों से बंद पड़ा रहा। पुलिस की भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मंदिर को फिर से खोला गया और इसका कायाकल्प शुरू हुआ। स्थानीय लोग इस मंदिर को “शिव मंदिर” के रूप में जानते हैं और इसे संभल की सांस्कृतिक विरासत मानते हैं।

प्रशासन का मकसद

पिछले दिनों संभल में हुई हिंसा के बाद प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि इलाके में कानून व्यवस्था बनी रहे। बिजली चोरी रोकना और अवैध कब्जों को हटाना इस दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण कदम हैं। इस अभियान से न केवल इलाके की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि ऐतिहासिक मंदिरों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

निष्कर्ष:

संभल के जामा मस्जिद इलाके में 400 साल पुराने शिव मंदिर का खुलासा प्रशासन की सक्रियता का परिणाम है। लंबे समय से बंद पड़े इस मंदिर को अब दोबारा खुलवाकर उसकी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को संरक्षित किया जा रहा है। प्रशासन का यह कदम इलाके में शांति और सामंजस्य बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आगे भी इस तरह के अभियान जारी रहेंगे ताकि कानून-व्यवस्था और सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा की जा सके।

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