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यहां बादलों के बीच से गुजरती है ट्रेन, सैलानी जमकर उठाते हैं इस अद्भुत सफर का आनंद

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दुनिया भर में कई ऐसे रेलवे मार्ग हैं जो अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और अनोखे अनुभवों के लिए जाने जाते हैं। भारत में दार्जिलिंग-हिमालयन रेलवे और कालका-शिमला रेलवे जैसे रूट्स को यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल किया गया है, वहीं रूस का ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग अपनी लंबाई और विविध भू-दृश्यों के लिए मशहूर है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे रेलमार्ग के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने आप में एक चमत्कार से कम नहीं – अर्जेंटीना का साल्टा रेलमार्ग (Salta Railway), जिसे दुनिया भर में "Train to the Clouds" के नाम से जाना जाता है।

बादलों के बीच से गुजरती है यह ट्रेन

साल्टा रेलमार्ग की खास बात यह है कि यह ट्रेन बादलों के बीच से गुजरती है। जब ट्रेन एंडीज पर्वतमाला की ऊंचाइयों से होकर निकलती है, तो ऐसा प्रतीत होता है मानो वह बादलों को चीरती हुई आगे बढ़ रही है। यात्रियों के लिए यह नज़ारा किसी जादुई दुनिया से कम नहीं होता। चारों ओर सफेद बादल, ऊंचे पहाड़ और नीला आसमान – इस ट्रेन यात्रा को एक अविस्मरणीय अनुभव बना देते हैं।

समुद्र तल से 4,200 मीटर की ऊंचाई पर रेलमार्ग

यह रेललाइन अर्जेंटीना के साल्टा शहर से शुरू होती है, जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई लगभग 1,187 मीटर है। यह रास्ता वैली डी लेर्मा (Valle de Lerma) और क्वेब्रेडा डेल टोरो (Quebrada del Toro) से होते हुए ला पोल्वोरिला वायाडक्ट (La Polvorilla Viaduct) तक जाता है, जो 4,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे मार्गों में से एक है।

इस यात्रा की कुल लंबाई करीब 217 किलोमीटर है और इसे पूरा करने में ट्रेन को लगभग 16 घंटे का समय लगता है। इतनी ऊंचाई तक जाने के लिए ट्रेन को लगभग 3,000 मीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़नी होती है, जो इसे और अधिक रोमांचक बनाता है।

अद्भुत इंजीनियरिंग का नमूना

इस रेलमार्ग का निर्माण सन् 1920 में शुरू किया गया था और इसके प्रमुख अभियंता अमेरिकी इंजीनियर रिचर्ड फॉन्टेन मरे (Richard Fontaine Maury) थे। उस समय इतनी ऊंचाई पर ट्रेन चलाने की योजना एक बड़ी तकनीकी चुनौती थी, लेकिन मरे ने इसे साकार कर दिखाया। रेलवे ट्रैक को इस तरह डिजाइन किया गया है कि ट्रेन को बिना किसी परेशानी के पहाड़ी रास्तों, तीव्र मोड़ों और ऊंचाई के अंतर को पार करने में मदद मिल सके।

इस पूरे मार्ग में ट्रेन को 29 पुल, 21 सुरंगें (टनल) और कई जिग-ज़ैग रास्तों से होकर गुजरना होता है, जो इसे इंजीनियरिंग का एक चमत्कारिक उदाहरण बनाता है।

पर्यटकों के लिए स्वर्ग समान

हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटक अर्जेंटीना आते हैं सिर्फ इस ट्रेन यात्रा का अनुभव लेने के लिए। ट्रेन के अंदर सुविधाएं आधुनिक हैं, जिसमें खाने-पीने की व्यवस्था, गाइडेड टूर और मेडिकल सहायता भी उपलब्ध रहती है, क्योंकि इतनी ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी के कारण कुछ लोगों को तकलीफ हो सकती है।

यात्रा के दौरान यात्रियों को एंडीज पर्वत श्रृंखला, साहारा जैसे रेगिस्तानी इलाके, हरे-भरे मैदान, और नीले आसमान में तैरते बादल देखने को मिलते हैं। ट्रेन कई जगहों पर रुकती भी है ताकि यात्री फोटोग्राफी कर सकें और वहां के स्थानीय बाजारों व परंपराओं का आनंद ले सकें।

सामाजिक और आर्थिक पहलू

साल्टा रेलमार्ग केवल एक रोमांचक सफर ही नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति को सुधारने वाला माध्यम भी है। इस रेलवे के जरिए आसपास के गांवों को रोजगार, व्यापार और पर्यटकों से जुड़ने का मौका मिला है। साथ ही, पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति, शिल्पकला और खानपान का अनुभव लेने का भी अवसर मिलता है।

एक बार ज़रूर करें इस रोमांचक सफर का अनुभव

अगर आप उन लोगों में से हैं जो प्रकृति के अद्भुत नज़ारों को नज़दीक से देखना चाहते हैं, तो साल्टा रेलमार्ग की यात्रा आपकी बकेट लिस्ट में जरूर शामिल होनी चाहिए। यह यात्रा केवल एक परिवहन साधन नहीं, बल्कि प्रकृति, इंजीनियरिंग और मानव साहस का अद्भुत संगम है।

निष्कर्ष

साल्टा से लेकर ला पोल्वोरिला तक की यात्रा बादलों को छूने जैसा एहसास देती है। दुनिया के चुनिंदा रोमांचक और खूबसूरत रेलमार्गों में शामिल यह रेल रूट न केवल प्राकृतिक सौंदर्य, बल्कि ऐतिहासिक और तकनीकी उपलब्धियों का भी प्रतीक है। अगर आप कभी अर्जेंटीना जाएं, तो इस ट्रेन का सफर जरूर करें – यह आपको जिंदगी भर याद रहेगा।

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