Samachar Nama
×

दुनिया की इस जगह मिलता है ऐसा चमत्कारी पत्थर, जो दूध को बना देता है दही, आज तक कोई नहीं सुलझा पाया इस अद्भुत पत्थर का रहस्य

राजस्थान अपने पर्यटन के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है, यही कारण है कि भारत आने वाले हर तीन में से दो पर्यटक राजस्थान जरूर आते..........
kkkkkkkkkkkk

राजस्थान अपने पर्यटन के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है, यही कारण है कि भारत आने वाले हर तीन में से दो पर्यटक राजस्थान जरूर आते हैं। जैसलमेर भी राजस्थान का एक पर्यटन स्थल है जिसे स्वर्ण नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां का पीला पत्थर देश-विदेश में अपनी पहचान बना चुका है।ऐसा ही एक पत्थर जैसलमेर से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित हाबुरगांव में पाया जाता है। जो बहुत ही आश्चर्यजनक है। इस पत्थर के बारे में जानकर आप हैरान रह जायेंगे। यह पत्थर दूध को जमाकर दही में बदल देता है। आमतौर पर हम दूध से दही बनाने के लिए छाछ का उपयोग करते हैं। लेकिन राजस्थान के इस गांव की कहानी थोड़ी अलग है। यहां लोग सैकड़ों वर्षों से इस चमत्कारी पत्थर का उपयोग दूध से दही बनाने के लिए करते आ रहे हैं।

यद्यपि इस गांव का नाम हाबूर है, वर्तमान में इसे पूनमनगर के नाम से जाना जाता है। इस गांव के पत्थर में अनेक गुण हैं। इस पत्थर को स्थानीय भाषा में 'हाबुरिया भाटा' भी कहा जाता है। यह वह चमत्कारी पत्थर है, जिससे इस गांव के लोग दही बनाते हैं। इस पत्थर के संपर्क में आते ही दूध जम जाता है। यह पत्थर अपने विशेष गुणों के कारण देश-विदेश में बहुत लोकप्रिय है। यहां आने वाले पर्यटक अपने साथ हाबूर पत्थर से बने बर्तन भी ले जाते हैं। इस पत्थर से बने बर्तनों की मांग यहां हमेशा बनी रहती है।कुछ शोधों से पता चला है कि दही जमाने के लिए आवश्यक सभी रसायन इस पत्थर में मौजूद हैं। जो दूध को दही में बदल देता है। इस पत्थर में अमीनो एसिड, फेनिलएलनिन, रिफापेन्टाइन और टायरोसिन होते हैं। आपको बता दें कि ये रसायन दूध से दही बनाने में सहायक होते हैं। इतना ही नहीं, इस पत्थर से जो दही जमता है वह मीठा होता है और उसमें भीनी-भीनी खुशबू होती है।

राजस्थान का चमत्कारी पत्थर! दूध को बना देता है दही Rajasthan ka chamtkari  pathar Haburia bhata dudh ko bana deta hai dahi

देश-विदेश से आने वाले पर्यटक इन पत्थर के बर्तनों में जमा दही और उससे बनी लस्सी के दीवाने हैं। हाबूर गांव की जमीन के नीचे से निकलने वाला यह पत्थर कई खनिजों और अन्य जीवाश्मों से भरा हुआ है जो इसे चमत्कारी बनाते हैं। कहा जाता है कि राजस्थान का यह रेगिस्तानी जिला जैसलमेर पहले अथाह समुद्र हुआ करता था और इसके सूखने के बाद यहां कई समुद्री जीवों के जीवाश्म बन गए।उसके बाद वे पहाड़ों में बदल गये। इस गांव में पाए जाने वाले पत्थर से बर्तन, मूर्तियां और खिलौने बनाए जाते हैं। यह हल्का सुनहरा और चमकदार होता है। इससे बनी मूर्तियां लोगों को काफी आकर्षित करती हैं। ग्रामीणों के अनुसार यह पत्थर ताजमहल समेत कई स्थानों पर लगा हुआ है।

Share this story

Tags