क्या कभी देखा है भूत का मंदिर? कुलदेवता मानकर करते हैं लोग यहां पूजा, वीडियो में देखें क्या है मान्यता

देवभूमि उत्तराखंड में जहां एक ओर अनेक देवी-देवताओं की अलौकिक कहानियां सुनने को मिलती हैं तो कहीं परियों की कहानियां। वहीं, हम आपको एक ऐसे भूत देवता की कहानी से रूबरू कराने जा रहे हैं, जहां सैकड़ों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। जिस पर विश्वास करना आसान नहीं है। यहां एक गांव में भूतहा मंदिर है। लोगों के मुंह से कई भूत-प्रेत की कहानियां भी सुनने को मिलती हैं।
देहरादून जिले के चकराता विधानसभा के अंतर्गत आने वाले सिंगौर गांव में भूत देवता का मंदिर है। भूत देवता की पूजा चट्टान के रूप में की जाती है। यहां साल भर पूजा-अर्चना होती है, स्थानीय निवासी अर्जुन सिंह कहते हैं कि भूत हमारा कुलदेवता है और इसकी कोई मूर्ति नहीं है, एक पत्थर की शिला की पूजा होती है। जौनसार बावर का यह एकमात्र गांव है जहां भूत देवता की पूजा होती है।
अर्जुन सिंह ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति रात में यहां से गुजरता है और डर जाता है तो भूत देवता उसके साथ प्रकट होकर चलने लगते हैं। वह उसे गांव से बहुत दूर छोड़ देता है। मैंने यह बात कई बार सुनी और देखी है। इसके साथ ही वे गांव की सुरक्षा भी करते हैं। बुजुर्ग बताते हैं कि काफी समय पहले गांव वालों को अचानक रात में अजीबोगरीब आवाजें सुनाई देने लगीं। लोग डर के मारे रात में ही अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चले गए। सुबह जब ग्रामीण उस स्थान पर लौटे तो उन्होंने देखा कि एक विशाल चट्टान ने गदेरे की बहती धारा को गांव के दूसरी ओर मोड़ दिया था।
गांव वालों का मानना है कि रात में आई यह आवाज भूत देवता की थी और गांव को बचाने के लिए उन्होंने पानी की धारा का रुख उलट दिया। तब से लोग उसकी पूजा करने लगे। लोगों का मानना है कि अगर सच्चे मन से पूजा की जाए तो भूत-प्रेत और देवता हर मनोकामना पूरी करते हैं। वहीं सिंगौर गांव के प्रधान संसार सिंह का कहना है कि भूत देवता ही उनके गांव और लोगों की रक्षा करते हैं। लोग दूर-दूर से भूत देवता के दर्शन के लिए आते हैं।