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सामोद की पहाड़ियों पर स्थित हनुमान मंदिर, जहां भगवान शिला में स्वयं ही प्रकट हुए हैं

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राजस्थान के जयपुर जिले में स्थित श्री वीर हनुमान मंदिर, समोद, आस्था और श्रद्धा का एक प्रमुख केंद्र माना जाता है। अरावली पर्वतमाला की खूबसूरत वादियों में बसे इस प्राचीन मंदिर में भगवान हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं। अपनी दिव्यता, चमत्कारी मान्यताओं और प्राकृतिक सुंदरता के कारण यह मंदिर न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध है।

इतिहास: श्री वीर हनुमान मंदिर की स्थापना की कहानी

श्री वीर हनुमान मंदिर, समोद का इतिहास लगभग 600 वर्ष पुराना माना जाता है। लोककथाओं के अनुसार, यहां एक चरवाहे को हनुमान जी की मूर्ति मिली थी। माना जाता है कि यह मूर्ति स्वयं प्रकट (स्वयंभू) हुई थी। मंदिर का निर्माण उस समय के स्थानीय शासकों द्वारा करवाया गया था। तब से यह स्थान हनुमान जी के परम भक्तों के लिए चमत्कारिक सिद्धपीठ के रूप में जाना जाता है। यह भी मान्यता है कि भगवान हनुमान जी ने यहां वीर रूप में प्रकट होकर अपने भक्तों की रक्षा की थी, इसी कारण इसे 'श्री वीर हनुमान मंदिर' कहा जाता है।

क्या है खास और मंदिर का महत्व

यह मंदिर विशेष रूप से वीर हनुमान जी के चमत्कारी रूप के लिए जाना जाता है। कहा जाता है कि यहां आकर भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं, विशेषकर रोग, भय और मानसिक समस्याओं से पीड़ित लोगों को विशेष लाभ मिलता है। मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा और भंडारा का आयोजन होता है, जिसमें हजारों लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं। यहां श्रद्धालु नारियल, लाल चोला, तेल और सिंदूर चढ़ाकर अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की प्रार्थना करते हैं। मंदिर परिसर में शिव मंदिर, राम दरबार, और शनि देव मंदिर भी स्थित हैं।

मंदिर तक कैसे पहुंचे?

श्री वीर हनुमान मंदिर, समोद, जयपुर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जयपुर से समोद पहुंचने के लिए बस, टैक्सी और निजी वाहन उपलब्ध हैं।  समोद गांव से मंदिर तक पहाड़ी रास्ता है, जिसे पैदल या कुछ दूर तक गाड़ी से भी तय किया जा सकता है। पैदल यात्रा को यहां विशेष महत्व दिया जाता है, क्योंकि इसे भक्ति यात्रा का प्रतीक माना जाता है।

भव्य मेले और उत्सव

हर साल हनुमान जयंती और राम नवमी के अवसर पर यहां भव्य मेला आयोजित होता है। इस दौरान मंदिर को आकर्षक लाइटिंग और फूलों से सजाया जाता है। भक्त दूर-दूर से आकर सामूहिक सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा और प्रवचन में भाग लेते हैं।
रात्रि जागरण और भजन संध्या का आयोजन भी होता है, जिसमें स्थानीय और प्रसिद्ध भजन गायकों की प्रस्तुतियां होती हैं।

निष्कर्ष: श्रद्धा और चमत्कार का संगम

श्री वीर हनुमान मंदिर, समोद, उन लोगों के लिए आस्था का गढ़ है जो सच्चे मन से भगवान हनुमान जी की शरण में आते हैं। यह स्थान केवल पूजा-अर्चना का ही नहीं बल्कि आत्मिक शांति और चमत्कारिक अनुभवों का केंद्र भी है। अगर आप जयपुर घूमने जाएं, तो श्री वीर हनुमान मंदिर, समोद के दर्शन करना अवश्य करें।

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