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आखिर क्यो, इस थाने में पिछले 29 सालों से कैद थे हनुमानजी, वजह कर देगी हैरान

 जहां एक ओर भगवान राम की जयंती रामनवमी मनाने के लिए शहर-कस्बों में महावीरी झंडा फहराया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर 29 फरवरी को भोजपुर जिले के कृष्णागढ़ थाने से हनुमानजी को भी 'मुक्त' कर दिया गया है.........
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 जहां एक ओर भगवान राम की जयंती रामनवमी मनाने के लिए शहर-कस्बों में महावीरी झंडा फहराया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर 29 फरवरी को भोजपुर जिले के कृष्णागढ़ थाने से हनुमानजी को भी 'मुक्त' कर दिया गया है. वर्षा कोर्ट से रिहाई का आदेश मिलने के बाद स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल है.दरअसल, 29 साल पहले गुंडी गांव स्थित श्री भगवान रंगनाथ मंदिर से हनुमानजी और बर्बर स्वामी की दो मूर्तियां चोरी हो गई थीं. इसके बाद पुलिस लतार इन मूर्तियों को बरामद करने के लिए छापेमारी करती रही. कुछ दिन बाद दोनों मूर्तियां गौसगंज के पास एक कुएं में मिलीं। इसके बाद मामला कोर्ट में चलता रहा.

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इस बीच मूर्तियों को कृष्णागढ़ थाने के गोदाम में रख दिया गया.मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दोनों मूर्तियां ग्रामीणों को सौंपने का निर्णय लिया. कोर्ट के आदेश के बाद दोनों मूर्तियों को कृष्णागढ़ थाना गोदाम से निकालकर साफ-सफाई कर पूजा की गयी. कृष्णागढ़ थाना प्रभारी ब्रजेश कुमार ने बुधवार को आईएएनएस को बताया कि अदालत के आदेश के बाद दोनों मूर्तियों को मंदिर के पुजारी नंदजी पांडे और अन्य ग्रामीणों को सौंप दिया गया

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।बाद में मंगलवार को दोनों प्रतिमाओं को पुलिस की देखरेख में गाजे-बाजे के साथ सम्मानपूर्वक गुंडी गांव लाया गया। इसके बाद मूर्तियों को गांव का भ्रमण कराया गया और फिर भगवान रंगनाथ स्वामी के मंदिर में स्थापित किया गया। कुमार ने बताया कि फिलहाल मंदिर की सुरक्षा के लिए दो चौकीदार नियुक्त किये गये हैं. रामनवमी के पावन पर्व से पहले यहां दोबारा मूर्ति स्थापित होने से ग्रामीणों में खुशी है. ग्रामीण कह रहे हैं कि आखिरकार हनुमानजी मुक्त हो गए। गौरतलब है कि जून 1994 में गुंडी गांव स्थित भगवान रंगनाथ के मंदिर से दोनों कीमती मूर्तियां चोरी हो गयी थीं.
 

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