
बचपन में हम सभी ने पाताल लोक की कहानियां सुनी हैं। ऐसी जगह जहां जमीन के नीचे कोई दूसरी ही दुनिया होती है। आमतौर पर ये बातें केवल कल्पना लगती हैं, लेकिन दुनिया में एक जगह ऐसी भी है जहां लोग हकीकत में जमीन के नीचे रहते हैं। ये स्थान है अफ्रीकी देश ट्यूनिशिया का एक खास इलाका – दजेबेल दाहर।
यहां के लोग सच में पाताल जैसे घरों में रहते हैं, जो जमीन के अंदर बनाए गए हैं। इन घरों का रहस्य, इतिहास और कारण जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
कैसे बने ये पाताल जैसे घर?
ट्यूनिशिया के दजेबेल दाहर इलाके में सदियों पहले के लोग गर्म हवाओं और रेगिस्तानी तापमान से बचने के लिए जमीन के नीचे घर बनाने लगे। यहां की जलवायु बहुत कठोर है – तेज धूप, लू चलने वाली हवाएं और दिन में अत्यधिक गर्मी। ऐसे में जमीन के नीचे रहने से तापमान नियंत्रित रहता है और अंदर का वातावरण स्वाभाविक रूप से ठंडा रहता है।
इन घरों को मिट्टी और पत्थर से काटकर बनाया गया है। घरों की दीवारें और छतें मोटी होती हैं, जिससे बाहर की गर्मी और धूल अंदर नहीं आ पाती।
100 साल से भी ज्यादा पुरानी बस्तियां
यह कोई नई तकनीक नहीं है। ये घर 100 साल से भी ज्यादा पुराने हैं। पीढ़ी दर पीढ़ी लोग इनमें रहते आए हैं। हालांकि आधुनिकता की ओर बढ़ते समय में कई लोग इन इलाकों को छोड़कर शहरों में बस चुके हैं, फिर भी बड़ी संख्या में लोग आज भी यहीं रहना पसंद करते हैं।
इन घरों में हर वह सुविधा मौजूद है जो एक सामान्य घर में होती है – जैसे रसोईघर, शयनकक्ष, स्टोर रूम और यहां तक कि कुछ जगहों पर बिजली-पानी की भी व्यवस्था की गई है।
संस्कृति और प्रकृति से जुड़ाव
यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि उन्हें अपनी संस्कृति से बहुत लगाव है। ये घर केवल रहने की जगह नहीं, बल्कि उनकी पहचान, विरासत और जीवनशैली का हिस्सा हैं। यही वजह है कि आधुनिक सुख-सुविधाओं के बावजूद वे इन भूमिगत घरों को छोड़ना नहीं चाहते।
उनका यह भी मानना है कि इन घरों में रहना प्राकृतिक जीवनशैली के करीब है। ना तो एयर कंडीशनर की जरूरत होती है और ना ही हीटर की। गर्मियों में घर ठंडा रहता है और सर्दियों में गर्म।
पर्यटन का केंद्र बनते ये पाताल घर
हाल के वर्षों में दुनिया भर से पर्यटक ट्यूनिशिया के इन भूमिगत घरों को देखने आते हैं। खास बात यह है कि इन घरों की बनावट ने फिल्म निर्माताओं का भी ध्यान खींचा है। हॉलीवुड की प्रसिद्ध फिल्म 'स्टार वॉर्स' के कुछ दृश्य भी यहीं शूट किए गए थे। इससे यह क्षेत्र दुनिया भर में और भी लोकप्रिय हो गया।
संघर्ष और सादगी भरी जिंदगी
हालांकि ये लोग बाकी दुनिया से काफी हद तक कटे हुए हैं, फिर भी उनका जीवन सादगी और संतोष से भरा है। वो खेती-बाड़ी करते हैं, अपने समुदाय के साथ रहते हैं और प्राकृतिक जीवन को अपनाते हैं। यहां के बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था सीमित है, लेकिन समुदाय इसे बेहतर करने की कोशिश में जुटा है।
निष्कर्ष: पाताल लोक नहीं, पर एक अनोखा जीवन जरूर
ट्यूनिशिया के दजेबेल दाहर इलाके के ये भूमिगत घर हमें यह सिखाते हैं कि प्रकृति से तालमेल बैठाकर भी एक सुखद और शांत जीवन जिया जा सकता है। ये लोग भले ही जमीन के नीचे रहते हों, लेकिन उनके विचार और जीवनशैली गहराई लिए हुए हैं।
तो अगली बार जब आप पाताल लोक की बात करें, तो यह जान लें कि धरती पर भी ऐसी एक जगह है — जहां लोग आज भी पाताल जैसे घरों में रहते हैं, खुश हैं और अपनी संस्कृति से जुड़े हैं।