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भूतिया अनुभव या मनोवैज्ञानिक भ्रम? वीडियो में जाने विजय स्तम्भ में रात में घटने वाली खौफनाक घटनाओं का सच

भूतिया अनुभव या मनोवैज्ञानिक भ्रम? वीडियो में जाने विजय स्तम्भ में रात में घटने वाली खौफनाक घटनाओं का सच

राजधानी में स्थित ऐतिहासिक विजय स्तंभ अपनी भव्यता और गौरवशाली इतिहास के लिए तो जाना जाता है, लेकिन रात के समय यहां घटती कुछ अजीब घटनाएं लोगों के लिए रहस्य बन गई हैं। स्थानीय लोग और सुरक्षा कर्मी बताते हैं कि स्तंभ के आसपास अक्सर अजीब आवाजें, अचानक ठंडी हवा और रहस्यमय परछाइयां देखने को मिलती हैं, जो सामान्य अनुभव से बिल्कुल अलग हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि ये घटनाएं खासकर रात के समय होती हैं। कई लोगों ने स्तंभ के पास चलते समय अचानक अजीब सनसनाहट महसूस की है। कुछ ने तो यह तक कहा कि उन्हें किसी अदृश्य शक्ति का सामना करना पड़ा। इस संबंध में, इतिहासकारों का मानना है कि विजय स्तंभ के निर्माण और उसके आसपास हुए ऐतिहासिक युद्धों के कारण वहां नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अभी भी मौजूद हो सकता है।

सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, रात के समय स्तंभ की रोशनी कम होने के कारण वहां भ्रम और डर की भावना बढ़ जाती है। कई बार कैमरों और सेंसरों में भी अजीब गतिविधियों का रिकॉर्ड मिला है। कुछ युवाओं ने यहां रात बिताने का साहस किया और अपनी कहानियों में अजीब आवाजों, चलती परछाइयों और अचानक महसूस होने वाली ठंडक का उल्लेख किया। उनका कहना है कि जैसे ही वे स्तंभ के मुख्य हिस्से के पास जाते हैं, वातावरण बदल जाता है और वहां रहस्यमय शक्ति का अहसास होने लगता है।

स्थानीय पुरातत्व विभाग ने भी इस बात को गंभीरता से लिया है और सुरक्षा बढ़ाने के लिए अतिरिक्त राउंड लगाए हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह ऐतिहासिक स्थल रात में अवलोकन के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि वहां की अजीब घटनाएं लोगों को भयभीत कर सकती हैं। विभाग ने आगंतुकों से निवेदन किया है कि रात के समय अकेले या समूह में स्तंभ के आसपास न जाएं।

ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो विजय स्तंभ का निर्माण उन विजयों की स्मृति में किया गया था, जिनके दौरान कई सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी। मान्यता है कि ऐसे युद्धस्थलों और ऐतिहासिक स्मारकों पर कभी-कभी मृत आत्माओं की ऊर्जा बनी रहती है। स्थानीय पुरानी कथाओं में भी इस बात का उल्लेख है कि कई बार स्तंभ के आसपास रात में अजीब दृश्य दिखाई देते हैं। कुछ ग्रामीणों का दावा है कि उन्होंने स्तंभ के चारों ओर चलते हुए भूतिया आकृतियों को देखा है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो यह घटना पर्यावरणीय और मनोवैज्ञानिक कारणों से भी हो सकती है। रात के समय कम रोशनी और शोरगुल की कमी के कारण हमारा दिमाग अक्सर डर और अजीब आवाजों को बढ़ा-चढ़ाकर महसूस करता है। ठंडी हवा, पेड़ों की सरसराहट और अन्य प्राकृतिक आवाजें अजीब अनुभवों को जन्म दे सकती हैं। इसके अलावा, भयभीत होने की मानसिक स्थिति भी किसी व्यक्ति को सामान्य परिस्थितियों में असामान्य अनुभव महसूस करा सकती है।

फिर भी, स्थानीय लोग और इतिहास प्रेमी इस स्थल की रात की गतिविधियों को लेकर उत्सुक हैं। कई लोग रात में विजय स्तंभ पर जाकर यह जानने की कोशिश करते हैं कि क्या सच में आत्माएं भटकती हैं या यह सिर्फ लोगों का भ्रम है। कुछ युवा तो रात के समय कैमरे और रिकॉर्डिंग उपकरण लेकर यहां आते हैं और अजीब घटनाओं को रिकॉर्ड करने की कोशिश करते हैं। उनका दावा है कि कई बार रिकॉर्डिंग में ऐसे धुंधले आकार और आवाजें कैद हुई हैं, जिन्हें वैज्ञानिक भी पूरी तरह से समझा नहीं पाए हैं।

अंततः, विजय स्तंभ न केवल इतिहास और गौरव का प्रतीक है बल्कि इसके साथ जुड़े रहस्य और अजीब घटनाएं इसे और भी रहस्यमय बना देती हैं। चाहे इसे आत्माओं की मौजूदगी माना जाए या मनोवैज्ञानिक प्रभावों की वजह, यह स्थल लोगों को आकर्षित करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे ऐतिहासिक स्थलों का अध्ययन और सुरक्षा दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। आगंतुकों को सतर्क रहना चाहिए और रात में ऐसे स्थानों पर अकेले जाने से बचना चाहिए।

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