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इस सड़क पर गाड़ियों के पहिए रोक देता है भूत, सिगरेट और शराब पिलाने पर बख्श देता है जान

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हिमाचल प्रदेश, जिसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है, अपने बर्फ से ढके पहाड़ों, घुमावदार रास्तों और मंत्रमुग्ध कर देने वाले दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन जितनी यह भूमि सुंदर है, उतनी ही रहस्यमयी और खतरनाक भी मानी जाती है। यहां कई ऐसे दुर्गम स्थान हैं, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ रहस्यमयी घटनाओं के लिए भी जाने जाते हैं। इन्हीं में से एक है गाटा लूप्स — एक ऐसा स्थान जो अपनी भूतिया कहानियों के लिए प्रसिद्ध है।

गाटा लूप्स: 17,000 फीट पर स्थित खतरनाक मगर रहस्यमयी मोड़

गाटा लूप्स हिमाचल प्रदेश के मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित एक बेहद खतरनाक और दुर्गम स्थान है। यह जगह समुद्र तल से लगभग 17,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और इसमें 21 खतरनाक हेयरपिन बेंड्स (घुमावदार मोड़) हैं। ये मोड़ ना केवल ड्राइवरों के लिए चुनौतीपूर्ण हैं बल्कि यात्रियों के लिए भी डर पैदा करने वाले हैं।

सर्दियों में यह रास्ता पूरी तरह से बर्फ से ढक जाता है और कई बार महीनों तक बंद रहता है। रास्ते में लगातार भूस्खलन और अत्यधिक ऊंचाई के कारण ऑक्सीजन की कमी यहां की यात्रा को और भी कठिन बना देती है।

एक डरावनी कहानी, जो गाटा लूप्स को खास बनाती है

गाटा लूप्स केवल खतरनाक रास्तों के लिए ही नहीं जाना जाता, बल्कि यहां एक भूत की कहानी भी प्रचलित है। कहा जाता है कि यहां एक आत्मा का वास है जो यहां से गुजरने वाले यात्रियों से पानी और सिगरेट मांगती है। इस स्थान पर एक छोटा सा मंदिरनुमा ढांचा है, जिसे "भूत का घर" कहा जाता है। लोग इस आत्मा को शांत रखने के लिए यहां मिनरल वाटर की बोतलें, सिगरेट और कभी-कभी शराब तक चढ़ाते हैं।

कहानी की शुरुआत: एक ट्रक, एक क्लीनर और एक त्रासदी

इस डरावनी कहानी की शुरुआत लगभग डेढ़ दशक पहले हुई थी। तब एक ट्रक मनाली-लेह मार्ग पर यात्रा कर रहा था। अचानक रास्ते में ट्रक खराब हो गया और ड्राइवर ने अपने क्लीनर को ट्रक में छोड़कर सहायता लाने के लिए पास के गांव की ओर पैदल निकल पड़ा। गांव की दूरी लगभग 40 किलोमीटर थी और मौसम धीरे-धीरे खराब हो रहा था।

कुछ ही घंटों में भारी बर्फबारी शुरू हो गई और रास्ता पूरी तरह बंद हो गया। ड्राइवर जब कई दिन बाद मदद लेकर वापस लौटा, तब तक क्लीनर भूख, प्यास और ठंड की वजह से ट्रक के अंदर ही मर चुका था। दुखी होकर ड्राइवर ने उसी जगह पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया और वहीं एक छोटा स्मृति स्थल भी बना दिया।

उसके बाद जो हुआ, उसने गाटा लूप्स को बना दिया रहस्य और डर का प्रतीक

इस घटना के बाद वहां से गुजरने वाले यात्रियों के साथ अजीब घटनाएं होने लगीं। लोगों का कहना है कि उन्होंने वहां एक लड़के को देखा, जो उनसे पानी या कुछ खाने को मांगता था। अगर कोई उसकी बात नहीं मानता, तो उसके साथ कुछ न कुछ अनहोनी घट जाती थी — जैसे वाहन खराब हो जाना, रास्ता भटक जाना या यहां तक कि किसी दुर्घटना का शिकार हो जाना।

बहुत से लोगों ने बताया कि लड़के को पानी देने की कोशिश की, लेकिन बोतल उसके हाथ से गिर जाती और वह उदास आंखों से फिर से पानी मांगता रहता। इससे डरकर लोगों ने वहां एक छोटा सा मंदिर बना दिया और हर गुजरने वाला अब वहां मिनरल वाटर, सिगरेट या कोई अन्य चीज चढ़ाकर ही आगे बढ़ता है।

भूत या मानवीय संवेदना?

यह कहानी सुनने में भले ही भूतिया लगे, लेकिन इसके पीछे मानवीय संवेदना और प्रकृति की कठोरता भी साफ दिखाई देती है। एक मासूम क्लीनर, जो समय पर मदद ना मिलने के कारण काल का ग्रास बन गया, उसकी आत्मा को श्रद्धांजलि देने के लिए लोग यह परंपरा निभाते हैं।

कई लोग मानते हैं कि यह आत्मा वास्तव में किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती, बस वह सम्मान और संवेदना की भूखी है। और शायद यही कारण है कि इस स्थान पर श्रद्धालुओं की तरह लोग रुकते हैं, नमन करते हैं और आगे की यात्रा शुरू करते हैं।

निष्कर्ष: खूबसूरती के पीछे छिपा डर

गाटा लूप्स की कहानी हिमाचल की उन कई कहानियों में से एक है, जो इस प्रदेश को रहस्यमयी बनाती हैं। यह जगह हमें याद दिलाती है कि प्रकृति जितनी सुंदर हो सकती है, उतनी ही निर्दयी भी हो सकती है। और इंसान की लापरवाही कभी-कभी ऐसे स्थायी निशान छोड़ जाती है जो वर्षों तक लोगों की स्मृति में जिंदा रहते हैं।

यदि आप कभी मनाली-लेह मार्ग से यात्रा करें और गाटा लूप्स से गुजरें, तो उस छोटे से मंदिरनुमा ढांचे के सामने एक बार रुकिएगा, एक बोतल पानी या सिगरेट चढ़ाइएगा — क्योंकि यह सिर्फ एक भूत को श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि एक अनसुनी आत्मा को मानवीय सम्मान देने जैसा है।

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