क्या आप जानते है इस मंदिर में तेल से नहीं बल्कि पानी से जलते हैं दीयें
हमारे देश के हर शहर, कस्बे और गांव में आपको कई मंदिर देखने को मिल जाएंगे। इनमें से कुछ मंदिर प्राचीन काल के हैं। कुछ मंदिर अभी भी बनाये जा रहे हैं। इनमें से कुछ मंदिरों को चमत्कारी मंदिर माना जाता है, इसलिए इन मंदिरों में प्रतिदिन सैकड़ों भक्त भगवान के दर्शन करने आते हैं।
आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे चमत्कारी माना जाता है क्योंकि इस मंदिर में भगवान की आरती के लिए जलाया जाने वाला दीपक तेल से नहीं बल्कि पानी से जलता है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के शाजापुर में काली सिंध के तट पर स्थित गड़ियाघाट माता मंदिर की। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर में दीपक तेल से नहीं बल्कि पानी से जलता है। कहा जाता है कि इस मंदिर की रोशनी में घी या तेल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। बल्कि भगवान के सामने जल डालकर दीपक जलाया जाता है। इसके बाद दीपक पानी से जलने लगता है.
कहा जाता है कि इस मंदिर में जलने वाला दीपक पिछले कई सालों से बिना तेल के जल रहा है। यह ज्योति निरंतर जल से जलती रहती है। आपको बता दें कि इस दिन पानी खत्म होने लगता है। मंदिर के पुजारी इस दिन काली सिंध नदी से जल भरकर उसमें डालते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जैसे ही दीपक में पानी डाला जाता है, वह काले चिपचिपे तरल पदार्थ में बदल जाता है और उसके बाद दीपक फिर से जलने लगता है।
बता दें कि इस मंदिर में होने वाले इस चमत्कार को देखने के लिए हर दिन हजारों लोग यहां पहुंचते हैं। इसके बाद वह मंदिर में श्रद्धा से सिर झुकाते हैं। मंदिर के पुजारी के अनुसार, बहुत समय पहले इस मंदिर में तेल का दीपक जलाया जाता था, लेकिन माता ने मंदिर के पुजारी से इसे पानी से जलाने के लिए कहा। इसके बाद पुजारी ने सपने में बताए अनुसार ही मंदिर के दीपक को तेल की जगह पानी से चलाना शुरू कर दिया. इसके बाद ये सिलसिला शुरू हो गया.