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ये हैं दुनिया की सबसे अनोखी झील, जिसमें हर साल करोड़ों रुपये और सोने चांदी के जेवर फेंक देते हैं लोग, चोरी की नहीं होती किसी की हिम्मत

हमारे देश में कई ऐसे रहस्य हैं जिनके बारे में हर कोई नहीं जानता। आज हम आपको एक ऐसे ही रहस्य के बारे में बताने जा........
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हमारे देश में कई ऐसे रहस्य हैं जिनके बारे में हर कोई नहीं जानता। आज हम आपको एक ऐसे ही रहस्य के बारे में बताने जा रहे हैं जो एक झील से जुड़ा है। इस झील में करोड़ों रुपए का सोना-चांदी पड़ा हुआ है, लेकिन इसे निकालने की हिम्मत कोई नहीं करता। दरअसल, हम बात कर रहे हैं हिमाचल प्रदेश की कमरूनाग झील की। कहा जाता है कि इस झील पर आकर जो भी मनोकामना मांगी जाती है वह पूरी हो जाती है। कहा जाता है कि जब लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है तो वे इस झील पर सोने-चांदी के आभूषण और पैसे चढ़ाने आते हैं।

हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत वादियों के बीच बसी इस झील से हर किसी को प्यार हो जाता है। जब आप हिमाचल की वादियों में पहुंचते हैं तो आपको ऐसा महसूस होता है जैसे आप एक अलग ही दुनिया में हैं। वहीं हिमाचल अपनी रहस्यमयी जगहों के कारण भी काफी मशहूर है। इस खूबसूरत इलाके में एक ऐसी झील है, जिसमें अरबों-खरबों रुपये का खजाना छिपा है। हालांकि, आज तक किसी ने भी झील से खजाना निकालने की कोशिश नहीं की है। दरअसल, इस झील का नाम कमरुनाग झील है।

यह झील हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से 51 किमी दूर करसोग घाटी में स्थित है। इसे कमरूनाग झील के नाम से जाना जाता है। इस झील तक पहुंचने के लिए पहाड़ी रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है, जो बेहद कठिन रास्ता है। यहां कमरूनाग बाबा की एक प्राचीन पत्थर की मूर्ति है। भक्त इस मूर्ति की पूजा करते हैं और मन्नतें मांगते हैं। कहा जाता है कि इस मूर्ति से जो भी मनोकामना मांगी जाती है वह पूरी हो जाती है। जिसके बाद भक्त खुश होकर सोने और चांदी के आभूषणों को इस झील में चढ़ा देते हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक बाबा कमरूनाग साल में एक बार यहां लोगों से मिलने आते हैं। बाबा हर साल जून माह में प्रकट होते हैं और अपने भक्तों के कष्ट दूर करते हैं।

जून माह में यहां विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। इस खास मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए पहुंचते हैं और अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए झील में सोने-चांदी के आभूषण भेंट स्वरूप चढ़ाते हैं. यहां के लोगों की ऐसी धार्मिक मान्यता है कि जो कोई भी इस झील में सोने-चांदी के आभूषण उपहार स्वरूप डालता है, बाबा उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। यह परंपरा यहां सदियों से निभाई जा रही है।

इससे झील में करोड़ों-अरबों का खजाना जमा हो गया है। हालाँकि इस झील से कोई भी रत्न निकालने की कोशिश नहीं करता। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि अगर कोई ऐसा पाप करता है तो उसका विनाश हो जाता है। इसके डर से कोई भी इस झील से सोने-चांदी के आभूषण या अन्य सामान निकालने की कोशिश नहीं करता।


 

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