हॉलीवुड भी नहीं दिखा सका इतना डर! वायरल फुटेज में देखिये भानगढ़ किले की वो कहानी जिसे जानकर कांप उठेगी रूह

जस्थान की खूबसूरत घाटियों और पहाड़ियों के बीच बसा है भानगढ़ का किला, जो जितना देखने में आकर्षक है, उससे कहीं ज्यादा डरावना और रहस्यमयी भी है। अलवर जिले में सरिस्का टाइगर रिजर्व के पास स्थित यह किला, देश-विदेश के पर्यटकों के लिए लंबे समय से रहस्य और रोमांच का केंद्र बना हुआ है। लेकिन इसकी लोकप्रियता का कारण सिर्फ इसका स्थापत्य या ऐतिहासिक महत्व नहीं, बल्कि इसके साथ जुड़ी भूतिया घटनाएं और खौफनाक कहानियां हैं, जो किसी हॉलीवुड हॉरर फिल्म की स्क्रिप्ट से भी अधिक डरावनी लगती हैं।
भानगढ़ किले का ऐतिहासिक पहलू
भानगढ़ का किला 17वीं सदी में आमेर के राजा भगवंत दास ने अपने पुत्र माधो सिंह के लिए बनवाया था। वास्तुकला के लिहाज से यह किला बेहद भव्य है, जिसमें राजमहल, बाजार, हवेलियां, मंदिर और बावड़ियां शामिल हैं। लेकिन जैसे-जैसे दिन ढलता है, इस किले का माहौल बदलने लगता है। सूर्यास्त के बाद यहां प्रवेश पूर्णतः वर्जित है, और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा लगाए गए बोर्ड पर साफ लिखा है कि “सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले यहां रुकना मना है।”
शापित प्रेम कहानी या तांत्रिक की बददुआ?
भानगढ़ के किले से जुड़ी सबसे मशहूर कहानी एक राजकुमारी रत्नावती और तांत्रिक सिंधु सेवड़ा की है। रत्नावती अपनी सुंदरता के लिए पूरे राज्य में प्रसिद्ध थीं। तांत्रिक उस पर मोहित हो गया और उसे पाने के लिए काले जादू का सहारा लिया। उसने राजकुमारी के इत्र में वशीकरण मंत्र मिलाया, लेकिन रत्नावती को उसकी साजिश का पता चल गया और उसने इत्र की बोतल को एक पत्थर पर फेंक दिया। ऐसा कहा जाता है कि वह पत्थर तांत्रिक पर जा गिरा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मरते समय उसने पूरे भानगढ़ को शाप दे दिया कि यहां कोई जीवित नहीं बचेगा और यह स्थान हमेशा के लिए वीरान हो जाएगा।
रहस्यमयी घटनाएं और डरावने अनुभव
कई पर्यटकों और स्थानीय लोगों ने यह दावा किया है कि किले में अजीब-अजीब आवाजें आती हैं — जैसे किसी महिला की चीखें, कंगन खनकने की आवाजें या सैनिकों के चलने की गूंज। कुछ लोगों ने महसूस किया कि कोई अदृश्य शक्ति उन्हें छूकर निकल गई, तो किसी ने पीछे से सांसों की आहटें सुनीं। मोबाइल नेटवर्क और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस यहां काम करना बंद कर देते हैं, जो इस रहस्य को और गहरा बना देता है।
रात में रुकने की कोशिश करने वाले कभी नहीं लौटे
लोककथाओं के अनुसार, जो भी व्यक्ति रात में इस किले में रुकने की कोशिश करता है, वह कभी बाहर नहीं आ पाता। कुछ कहानियों में बताया गया है कि रात को रुकने वाले लोगों की मानसिक स्थिति बिगड़ जाती है, तो कुछ मामलों में उनकी असामान्य मौतें भी दर्ज की गई हैं। इन घटनाओं के बाद से ही यहां रात में प्रवेश पर सख्त रोक है।
हॉलीवुड फिल्मों से अधिक डरावना क्यों?
अगर आप हॉलीवुड की हॉरर फिल्में जैसे "The Conjuring", "Paranormal Activity" या "Insidious" देख चुके हैं, तो भानगढ़ किले की वास्तविकता आपको उससे भी ज्यादा झकझोर देगी। फिल्मों में दिखाए गए डर एक रचना होते हैं, लेकिन भानगढ़ की कहानियां वास्तविक अनुभवों पर आधारित हैं। कई यू-ट्यूब चैनल्स, डॉक्यूमेंट्रीज़ और घोस्ट हंटिंग टीमें यहां आकर इस रहस्य को सुलझाने की कोशिश कर चुकी हैं, लेकिन कोई भी पक्के तौर पर इसके रहस्य को नहीं सुलझा पाया।
क्या है वैज्ञानिक दृष्टिकोण?
वैज्ञानिक मानते हैं कि यह किला टेक्टोनिक प्लेट्स के बेहद नजदीक स्थित है और वहां चुंबकीय तरंगें अधिक सक्रिय रहती हैं। इससे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस काम नहीं करते और इंसानों को भ्रम या असामान्य अनुभूतियां हो सकती हैं। परंतु जब यही अनुभव सैकड़ों लोगों के साथ बार-बार घटित हों, तो विज्ञान भी मौन हो जाता है।