Samachar Nama
×

इसे बच्चा समझने की भूल मत करना, ढाई साल की उम्र में किया ये कारनामा

cc

बच्चों के पहले शब्द सीखने और बोलने में अक्सर महीनों लग जाते हैं, लेकिन कुछ बच्चे अपनी उम्र से कई कदम आगे निकल जाते हैं। यूनाइटेड किंगडम के 2 साल के जोसेफ हैरिस बिर्टिल (Joseph Harris-Birtill) भी ऐसे ही खास बच्चों में से एक हैं, जिन्होंने महज सात महीने की उम्र में पहला शब्द बोल दिया था। जोसेफ न केवल अपने शुरुआती विकास के कारण चर्चित हुए, बल्कि उन्होंने 2 साल की उम्र में दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित हाई IQ सोसायटी मेन्सा (Mensa) के सबसे छोटे मेंबर बनने का रिकॉर्ड भी बनाया।

मेन्सा क्या है और कैसे बनते हैं सदस्य?

मेन्सा दुनिया की सबसे बड़ी और पुरानी उच्च IQ वाले लोगों की संस्था है, जिसका मुख्य उद्देश्य प्रतिभाशाली लोगों के बीच सामाजिक और बौद्धिक नेटवर्क बनाना है। मेन्सा में शामिल होने के लिए उम्मीदवार का IQ स्कोर कम से कम 132 होना आवश्यक है। इस संस्था में शामिल होना एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है क्योंकि यह उन लोगों को पहचानती है जिनकी मानसिक क्षमता सामान्य से कहीं अधिक होती है।

जोसेफ हैरिस बिर्टिल की उम्र केवल 2 साल और 186 दिन है, जब उन्हें मेन्सा ने अपने सबसे युवा सदस्य के रूप में वेलकम किया। हालांकि अभी उनके IQ का आधिकारिक आंकड़ा सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन उनके माता-पिता और शिक्षकों का मानना है कि उनकी मानसिक क्षमता और सीखने की प्रतिभा अत्यंत शानदार है।

जोसेफ की असाधारण उपलब्धियां

जोसेफ के माता-पिता, डॉ. रोज और डेविड हैरिस बिर्टिल ने बताया कि वे अपने बेटे की अलग प्रतिभा को बहुत कम उम्र में पहचान गए थे। जब जोसेफ मात्र 5 हफ्ते का था, तब उसने पहली बार खुद से करवट बदली। सात महीने की उम्र में उसने पहला शब्द बोला, और सिर्फ एक साल की उम्र में एक पूरी किताब पढ़ डाली

इसके अलावा, दो साल की उम्र तक वह न केवल बोलता बल्कि पढ़ाई भी कर सकता था। जोसेफ को पांच अलग-अलग भाषाओं में 10 तक गिनती आती है, और वह 100 तक गिनती भी कर सकता है। उनकी मां ने बताया कि जोसेफ अब मोर्स कोड सीख रहा है, उसे पीरियोडिक टेबल की जानकारी है, साथ ही ग्रीक वर्णमाला भी आती है।

जोसेफ को नई भाषाएं सीखना, गणित के जटिल सवाल हल करना, और कागज के हवाई जहाज उड़ाना भी बेहद पसंद है। उनकी मां ने बताया कि जब उन्हें लगा कि जोसेफ ने बहुत कम उम्र में पढ़ाई और सीखने में असाधारण रुचि दिखाई है, तो उन्होंने मेन्सा से संपर्क किया। उसके बाद जोसेफ को मेन्सा का सबसे कम उम्र का सदस्य घोषित किया गया।

जोसेफ की दिनचर्या और आगे के सपने

हालांकि जोसेफ अभी बहुत छोटे हैं, लेकिन उनके माता-पिता और परिवार वाले उनकी प्रतिभा का पूरा सम्मान करते हैं और उसे सही दिशा देने का प्रयास कर रहे हैं। फिलहाल, जोसेफ पियानो बजाना भी सीख रहे हैं, और उनके माता-पिता चाहते हैं कि वे अपने गुणों का सही इस्तेमाल करें।

जोसेफ की यह कहानी साबित करती है कि बच्चों में प्रतिभा और ज्ञान की कोई उम्र नहीं होती, बल्कि उन्हें सही माहौल और समर्थन देने पर वे अद्भुत उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं।

Share this story

Tags