बिहार में ‘डॉग बाबू’ को मिला निवास प्रमाण पत्र, सोशल मीडिया पर फोटो वायरल, DM ने दिए सख्त जांच के आदेश
आजकल सोशल मीडिया पर एक ऐसी तस्वीर वायरल हो रही है, जिसे देखकर हर कोई हैरान भी है, मुस्कुरा भी रहा है, और सोच में भी पड़ गया है कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है? कई बार हम जब सोशल मीडिया पर स्क्रॉल कर रहे होते हैं, तो हमें ऐसे पोस्ट दिख जाते हैं जो हमारी कल्पनाओं से परे होते हैं। कभी-कभी ये पोस्ट फेक लगते हैं, लेकिन जब किसी आधिकारिक दस्तावेज की मुहर लगी होती है, तब मामला और भी चौंकाने वाला बन जाता है।
क्या है मामला?
बिहार की राजधानी पटना के मसौढ़ी अनुमंडल का एक निवास प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से वायरल हो रहा है। इस प्रमाण पत्र की खास बात यह है कि यह किसी इंसान के नाम पर नहीं, बल्कि एक कुत्ते के नाम पर जारी किया गया है। जी हां, आपने सही पढ़ा—कुत्ते को निवास प्रमाण पत्र मिल गया है।
प्रमाण पत्र में लिखा है—
"प्रमाणित किया जाता है कि डॉग बाबू, पिता कुत्ता बाबू, माता कुटिया देवी, ग्राम- काउलीचर, वार्ड संख्या-15, डाकघर- मसौढ़ी, पिनकोड-804452, थाना- मसौढ़ी, प्रखंड- मसौढ़ी, अनुमंडल- मसौढ़ी, जिला- पटना, राज्य- बिहार के स्थायी निवासी हैं।इतना ही नहीं, इस प्रमाण पत्र पर कुत्ते की तस्वीर भी लगी हुई है और जारी करने की तारीख 24 जुलाई 2025 बताई गई है। यह प्रमाण पत्र पूरी तरह से सरकारी फॉर्मेट में बना हुआ है, जिससे यह और भी असली और अजीब लगता है।
वायरल हुई फोटो और सोशल मीडिया रिएक्शन
इस फोटो को सबसे पहले एक्स (ट्विटर) पर @AnilYadavmedia1 नाम के अकाउंट से पोस्ट किया गया। कैप्शन में लिखा गया—"डॉग बाबू का निवास प्रमाण पत्र बनवाने वाले आवेदक, बनाने वाले कम्प्यूटर ऑपरेटर और सिग्नेचर करने वाले बाबू के खिलाफ DM ने मुकदमा दर्ज करवा दिया है।"
जैसे ही यह फोटो वायरल हुई, यूजर्स की प्रतिक्रिया की बाढ़ आ गई।
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एक यूजर ने लिखा: "बिहार में कुछ भी हो सकता है।"
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दूसरे ने लिखा: "घूसखोरी अपने चरम पर है।"
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तीसरे यूजर ने मजाक करते हुए कहा: "डोगेश भाई का जलवा कायम है।"
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किसी ने लिखा: "बिहार है, कुछ भी संभव है।"
जिला प्रशासन की कड़ी प्रतिक्रिया
जैसे ही यह मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आया, पटना के जिलाधिकारी (DM) ने सख्त कदम उठाए। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए जानकारी दी:"मसौढ़ी अंचल में ‘डॉग बाबू’ के नाम से निवास प्रमाण पत्र निर्गत करने का मामला सामने आया है। यह प्रमाण पत्र तत्काल प्रभाव से रद्द किया गया है। साथ ही आवेदक, कंप्यूटर ऑपरेटर और प्रमाण पत्र निर्गत करने वाले पदाधिकारी के विरुद्ध FIR दर्ज की जा रही है। इसके साथ ही मसौढ़ी के अनुमंडल पदाधिकारी को 24 घंटे के भीतर पूरी जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं और यह भी कहा गया है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

