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मरीज ठीक करने के दौरान डॉक्टर का हो गया इलाज, महिला के सामने कही ऐसी बात अब जाना पड़ेगा 5 साल के लिए जेल

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कहते हैं कि अपनी राय को दूसरों तक सीमित रखना ही बेहतर होता है क्योंकि जरूरी नहीं कि जो आपकी सोच हो, वही सामने वाले की भी हो। हालांकि, कई बार लोग इस बात को समझ नहीं पाते और अपनी राय दूसरों पर थोपने की कोशिश करते हैं, जिससे कई बार गंभीर परिणाम सामने आ जाते हैं। रूस से हाल ही में एक ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस घटना में एक बुजुर्ग डॉक्टर को एक छोटे से मरीज और उसकी मां की शिकायत की वजह से पांच साल की जेल हो गई। मामला इतना हैरान कर देने वाला था कि जानकर हर कोई सोच में पड़ गया।

डॉक्टर को कैसे हुई जेल?

द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, मास्को की 68 वर्षीय बाल रोग विशेषज्ञ नादेज्दा बुइआनोवा को पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई। मामला कुछ यूं है कि एक महिला अपने बच्चे को सर्दी-खांसी की दवा दिलवाने के लिए डॉक्टर के पास गई थी। उसी प्राइवेट कंसल्टेशन के दौरान, डॉक्टर से जुड़ी एक विवादित बात सामने आई जिसने उनकी जिंदगी बदल कर रख दी। महिला ने दावा किया कि डॉक्टर ने उसके बेटे से बातचीत के दौरान कहा कि उसके पिता का यूक्रेन के हमले में मारा जाना “एकदम सही” है।

महिला ने डॉक्टर की इस कथित बात का एक वीडियो भी बना लिया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद महिला ने इस मामले को अधिकारियों तक पहुंचाया। जांच एजेंसी के प्रमुख ने मामले को गंभीरता से लेते हुए खुद इस केस की जांच शुरू की। जांच के बाद नादेज्दा बुइआनोवा पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने यूक्रेन युद्ध और रूसी सेना के खिलाफ गलत बयानबाजी की है।

डॉक्टर का पक्ष और मानवाधिकार संगठन की चिंता

डॉक्टर नादेज्दा ने अपनी सजा को पूरी तरह निराधार बताया। उनका कहना है कि उन्होंने युद्ध पर कोई टिप्पणी नहीं की थी और वह केवल इसलिए निशाने पर हैं क्योंकि वे यूक्रेनी मूल की हैं। डॉक्टर ने कहा कि उनका केस पूरी तरह राजनीतिक प्रेरित है और उनका मकसद कभी भी रूसी सेना या सरकार के खिलाफ बोलना नहीं था।

मानवाधिकार संगठन ‘मेमोरियल’ ने नादेज्दा को राजनीतिक कैदी घोषित किया है। उनका कहना है कि रूस में ऐसे 800 से ज्यादा लोग हैं जिन्हें यूक्रेन युद्ध के खिलाफ बोलने या इसका विरोध करने के कारण जेल भेजा जा चुका है। इसके अलावा, कुछ को तो केवल 40 पाउंड के दान करने के लिए भी 12-13 साल की जेल की सजा मिली है, जो रूस में अभिव्यक्ति की आजादी की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाता है।

सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ

यह घटना रूस में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीतिक दबाव की वास्तविकता को उजागर करती है। ऐसे मामलों से पता चलता है कि सरकार किस हद तक अपने विरोधियों और आलोचकों को दबाने के लिए सख्त कदम उठा रही है। खासकर युद्ध जैसे संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा करना एक जोखिम भरा विषय बन गया है।

यह भी ध्यान देने वाली बात है कि यह सजा एक 7 साल के बच्चे और उसकी मां की शिकायत पर आधारित थी। इससे साफ होता है कि राजनीतिक और सामाजिक दबाव में आम लोगों का भी इस्तेमाल कैसे हो रहा है। यह केस केवल एक डॉक्टर की कहानी नहीं है, बल्कि उस पूरे देश की स्थिति को दर्शाता है जहां एक छोटी-सी बात भी बड़े संकट का कारण बन सकती है।

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