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इस मंदिर में जाते ही करोड़पति हो जाते हैं भक्त! प्रसाद के रूप में नहीं मिलती मिठाई बल्कि मिलते हैं सोने-चांदी के गहने

हमारे देश में लाखों मंदिर हैं। आपको हर गांव और शहर में कोई न कोई मंदिर मिल ही जाएगा। ये सभी मंदिर ऐसे हैं जो प्राचीन काल के रहस्यों को संजोये हुए हैं। मंदिर की अपनी अलग पहचान और महत्व है। इन्हीं मंदिरों में से एक है महालक्ष्मी मंदिर जो मध्य प्रदेश के....

हमारे देश में लाखों मंदिर हैं। आपको हर गांव और शहर में कोई न कोई मंदिर मिल ही जाएगा। ये सभी मंदिर ऐसे हैं जो प्राचीन काल के रहस्यों को संजोये हुए हैं। मंदिर की अपनी अलग पहचान और महत्व है। इन्हीं मंदिरों में से एक है महालक्ष्मी मंदिर जो मध्य प्रदेश के रतलाम के माणक में स्थित है। यह एक अनोखा मंदिर है जहां भक्तों को प्रसाद के रूप में कोई मिठाई या खाद्य पदार्थ नहीं दिया जाता है, बल्कि इस अनोखे मंदिर में प्रसाद के रूप में आभूषण दिए जाते हैं।

यहां आने वाला हर भक्त अपने घर सोने और चांदी के सिक्के ले जाता है। रतलाम का यह मंदिर मां महालक्ष्मी का है, जहां सालों से भक्तों की भीड़ लगी रहती है। इस मंदिर में भक्त करोड़ों रुपए के आभूषण चढ़ाते हैं। इसके साथ ही नकद राशि भी दी जाती है। दिवाली के अवसर पर धनतेरस से पांच दिनों तक दीपोत्सव का आयोजन किया जाता है। दिवाली के इस अवसर पर मंदिर को फूलों से नहीं बल्कि आभूषणों और पैसों से सजाया जाता है।

दिवाली के अवसर पर इस मंदिर में धन कुबेर का दरबार लगता है। इस दौरान भक्तों को प्रसाद के रूप में आभूषण और पैसे दिए जाते हैं। दीपावली के अवसर पर इस मंदिर के दरवाजे 24 घंटे खुले रहते हैं। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि धनतेरस के अवसर पर यहां महिलाओं को कुबेर की पोटली दी जाती है। यहां आने वाले किसी भी भक्त को खाली हाथ नहीं लौटाया जाता। प्रसाद के रूप में उनके हाथ में कुछ न कुछ अवश्य दिया जाता है।

आपको बता दें कि इस मंदिर में आभूषण और पैसे चढ़ाने की परंपरा दशकों से चली आ रही है। पहले यहां के राजा राज्य की खुशहाली के लिए मंदिर में धन आदि चढ़ाते थे और अब यहां श्रद्धालु भी देवी के चरणों में आभूषण, धन आदि चढ़ाने लगे हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से उनके घरों में देवी लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।

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