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कब्रिस्तान में दफानाने से पहले जिंदा हुई लाश, रिश्तेदारों में मची अफरा-तफरी

कभी-कभी हमारी आंखों के सामने ऐसी घटनाएं घटती हैं, जो हमें विश्वास करने के लिए मजबूर कर देती हैं, लेकिन असल में वे इतनी अद्भुत होती हैं कि हम उन्हें चमत्कारी मानने लगते हैं। ऐसी ही एक हैरान कर देने वाली घटना हाल ही में स्पेन में सामने आई है, जिसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे।  यह घटना एक बुजुर्ग महिला से जुड़ी है, जो अपने परिवार के सामने मृत घोषित हो गई थी, लेकिन अंतिम संस्कार से ठीक पहले वह जिंदा हो उठी। इस अनोखी घटना ने न केवल उसके परिवार को चौंका दिया, बल्कि अस्पताल के स्टाफ और कब्रिस्तान में मौजूद लोगों को भी हैरान कर दिया।  क्या हुआ था उस दिन? स्पेन के जुआन मार्च दी बुनवोला अस्पताल में एक महिला को तबियत खराब होने के बाद भर्ती किया गया था। अस्पताल में डॉक्टरों ने उसकी स्थिति का आकलन किया और उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद उसके परिवारवालों ने महिला का अंतिम संस्कार करने की तैयारी शुरू कर दी। परिवार के लोग उसे अस्पताल से लेकर कब्रिस्तान पहुंचे, जहां शव को दफनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई।  लेकिन, जब कब्रिस्तान के स्टाफ ने शव को कब्र में डालने के लिए उठाया, तो उन्होंने देखा कि महिला के शरीर और उंगलियां हलचल कर रही थीं। इस दृश्य को देखकर शुरुआत में उन्होंने इसे कोई संयोग या हादसा समझा, और इसे नजरअंदाज कर दिया। लेकिन जब यह हर बार हो रहा था, तो उन्होंने महसूस किया कि कुछ गड़बड़ है।  महिला की जिंदा होने की घटना जब कब्रिस्तान में मौजूद लोग बार-बार शव में हरकत महसूस करने लगे, तो उन्होंने घबराकर उसे फौरन अस्पताल वापस भेजा। अस्पताल में जब पैरामेडिक्स ने उसे चेक किया, तो यह पता चला कि महिला वास्तव में जिंदा थी। इसका मतलब यह हुआ कि महिला को पहले गलत तरीके से मृत घोषित कर दिया गया था।  यह नजारा देखकर अस्पताल के डॉक्टर भी हैरान हो गए। उन्होंने महिला की हालत का पुनः मूल्यांकन किया और पाया कि वह जीवित है, लेकिन उसकी हालत अत्यंत गंभीर थी। कुछ समय बाद, महिला की स्थिति और भी बिगड़ गई और वह फिर से मृत घोषित कर दी गई।  क्या यह पहला मामला था? यह घटना कोई पहला ऐसा मामला नहीं था, जब किसी को मृत घोषित किया गया हो और वह बाद में जिंदा हो जाए। 2024 के फरवरी महीने में भी एक ऐसी ही घटना सामने आई थी। उस समय एक महिला को कुपोषण की हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया था, और डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।  लेकिन जब महिला को अंतिम संस्कार के लिए कब्रिस्तान ले जाया गया, तो वहां भी ठीक ऐसा ही मामला सामने आया। कब्रिस्तान पहुंचने के बाद महिला अचानक जिंदा हो उठी। उसे तुरंत फिर से अस्पताल भेजा गया, लेकिन वह केवल कुछ घंटे ही जिंदा रही और बाद में उसकी मृत्यु हो गई।  इस घटना पर क्या कहना है डॉक्टरों का? इस प्रकार की घटनाएं डॉक्टरों के लिए भी चुनौतीपूर्ण होती हैं। डॉक्टरों का मानना है कि कुछ विशेष मामलों में, जैसे सांप के काटने या गहरी ठंड में फंसने की स्थिति में, शरीर का तापमान इतना गिर सकता है कि व्यक्ति की जीवन क्रियाएं अस्थायी रूप से रुक जाती हैं, जिससे उसे मृत घोषित कर दिया जाता है। इस स्थिति को सिरियल डेथ या सुसाइडल एब्सेंस कहते हैं।  हालांकि, इन घटनाओं के बावजूद, यह सवाल उठता है कि चिकित्सा जगत में किस तरह की त्रुटियां हो सकती हैं कि किसी को गलत तरीके से मृत घोषित किया जाए, और फिर वह जिंदा हो उठे।  निष्कर्ष स्पेन में यह घटना एक चमत्कारी घटना के रूप में सामने आई है, जो न केवल उस महिला के परिवार के लिए बल्कि चिकित्सा जगत के लिए भी एक अजीबो-गरीब घटना है। यह घटना एक बार फिर यह दिखाती है कि जीवन और मृत्यु के बीच की रेखा कितनी धुंधली हो सकती है। जब तक किसी व्यक्ति की मृत्यु पूरी तरह से प्रमाणित नहीं हो जाती, तब तक उसके जीवन की संभावना हमेशा बनी रहती है।  इस घटना के बाद, शायद अब डॉक्टर और अस्पताल कर्मचारियों को मृत घोषित करने से पहले दोबारा जांच करने की आवश्यकता महसूस होगी, ताकि इस तरह के चमत्कारों से बचा जा सके और किसी का जीवन संजीवनी के रूप में लौट सके।

कभी-कभी हमारी आंखों के सामने ऐसी घटनाएं घटती हैं, जो हमें विश्वास करने के लिए मजबूर कर देती हैं, लेकिन असल में वे इतनी अद्भुत होती हैं कि हम उन्हें चमत्कारी मानने लगते हैं। ऐसी ही एक हैरान कर देने वाली घटना हाल ही में स्पेन में सामने आई है, जिसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे।

यह घटना एक बुजुर्ग महिला से जुड़ी है, जो अपने परिवार के सामने मृत घोषित हो गई थी, लेकिन अंतिम संस्कार से ठीक पहले वह जिंदा हो उठी। इस अनोखी घटना ने न केवल उसके परिवार को चौंका दिया, बल्कि अस्पताल के स्टाफ और कब्रिस्तान में मौजूद लोगों को भी हैरान कर दिया।

क्या हुआ था उस दिन?

स्पेन के जुआन मार्च दी बुनवोला अस्पताल में एक महिला को तबियत खराब होने के बाद भर्ती किया गया था। अस्पताल में डॉक्टरों ने उसकी स्थिति का आकलन किया और उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद उसके परिवारवालों ने महिला का अंतिम संस्कार करने की तैयारी शुरू कर दी। परिवार के लोग उसे अस्पताल से लेकर कब्रिस्तान पहुंचे, जहां शव को दफनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई।

लेकिन, जब कब्रिस्तान के स्टाफ ने शव को कब्र में डालने के लिए उठाया, तो उन्होंने देखा कि महिला के शरीर और उंगलियां हलचल कर रही थीं। इस दृश्य को देखकर शुरुआत में उन्होंने इसे कोई संयोग या हादसा समझा, और इसे नजरअंदाज कर दिया। लेकिन जब यह हर बार हो रहा था, तो उन्होंने महसूस किया कि कुछ गड़बड़ है।

महिला की जिंदा होने की घटना

जब कब्रिस्तान में मौजूद लोग बार-बार शव में हरकत महसूस करने लगे, तो उन्होंने घबराकर उसे फौरन अस्पताल वापस भेजा। अस्पताल में जब पैरामेडिक्स ने उसे चेक किया, तो यह पता चला कि महिला वास्तव में जिंदा थी। इसका मतलब यह हुआ कि महिला को पहले गलत तरीके से मृत घोषित कर दिया गया था।

यह नजारा देखकर अस्पताल के डॉक्टर भी हैरान हो गए। उन्होंने महिला की हालत का पुनः मूल्यांकन किया और पाया कि वह जीवित है, लेकिन उसकी हालत अत्यंत गंभीर थी। कुछ समय बाद, महिला की स्थिति और भी बिगड़ गई और वह फिर से मृत घोषित कर दी गई

क्या यह पहला मामला था?

यह घटना कोई पहला ऐसा मामला नहीं था, जब किसी को मृत घोषित किया गया हो और वह बाद में जिंदा हो जाए। 2024 के फरवरी महीने में भी एक ऐसी ही घटना सामने आई थी। उस समय एक महिला को कुपोषण की हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया था, और डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

लेकिन जब महिला को अंतिम संस्कार के लिए कब्रिस्तान ले जाया गया, तो वहां भी ठीक ऐसा ही मामला सामने आया। कब्रिस्तान पहुंचने के बाद महिला अचानक जिंदा हो उठी। उसे तुरंत फिर से अस्पताल भेजा गया, लेकिन वह केवल कुछ घंटे ही जिंदा रही और बाद में उसकी मृत्यु हो गई।

इस घटना पर क्या कहना है डॉक्टरों का?

इस प्रकार की घटनाएं डॉक्टरों के लिए भी चुनौतीपूर्ण होती हैं। डॉक्टरों का मानना है कि कुछ विशेष मामलों में, जैसे सांप के काटने या गहरी ठंड में फंसने की स्थिति में, शरीर का तापमान इतना गिर सकता है कि व्यक्ति की जीवन क्रियाएं अस्थायी रूप से रुक जाती हैं, जिससे उसे मृत घोषित कर दिया जाता है। इस स्थिति को सिरियल डेथ या सुसाइडल एब्सेंस कहते हैं।

हालांकि, इन घटनाओं के बावजूद, यह सवाल उठता है कि चिकित्सा जगत में किस तरह की त्रुटियां हो सकती हैं कि किसी को गलत तरीके से मृत घोषित किया जाए, और फिर वह जिंदा हो उठे।

निष्कर्ष

स्पेन में यह घटना एक चमत्कारी घटना के रूप में सामने आई है, जो न केवल उस महिला के परिवार के लिए बल्कि चिकित्सा जगत के लिए भी एक अजीबो-गरीब घटना है। यह घटना एक बार फिर यह दिखाती है कि जीवन और मृत्यु के बीच की रेखा कितनी धुंधली हो सकती है। जब तक किसी व्यक्ति की मृत्यु पूरी तरह से प्रमाणित नहीं हो जाती, तब तक उसके जीवन की संभावना हमेशा बनी रहती है।

इस घटना के बाद, शायद अब डॉक्टर और अस्पताल कर्मचारियों को मृत घोषित करने से पहले दोबारा जांच करने की आवश्यकता महसूस होगी, ताकि इस तरह के चमत्कारों से बचा जा सके और किसी का जीवन संजीवनी के रूप में लौट सके।

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