दुनिया का ऐसा अनोखा गांव, जहां पैदा होते ही गूंगे-बहरे हो जाते हैं बच्चे, इशारों में बातें करते हैं लोग

अजब गजब न्यूज डेस्क !!! ये दुनिया रहस्यों से भरी हुई है. इस दुनिया में ऐसे कई रहस्य हैं जो आज तक अनसुलझे हैं। आपने भी ऐसी कई रहस्यमयी या अजीब जगहों के बारे में सुना होगा जैसे कोई गांव जहां ज्यादातर जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं। दुनिया में कई ऐसी अजीबोगरीब जगहें हैं। दुनिया में ऐसी कई जगहें हैं जो अपनी अनोखी खूबियों के लिए मशहूर हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही विचित्र गांव के बारे में बताने जा रहे हैं। दुनिया में एक ऐसा गांव है जहां बच्चे पैदा होते ही गूंगे-बहरे हो जाते हैं। इस गांव में लोग एक-दूसरे से बातचीत करने के लिए एक खास सांकेतिक भाषा का इस्तेमाल करते हैं। यह भाषा सैकड़ों वर्ष पुरानी है। इसे काटा कोलोक कहा जाता है
यह अनोखा गांव इंडोनेशिया में है। इस गांव का नाम बेंगकाला है और यहां रहने वाले सभी लोग इशारों में ही बात करते हैं। इस गांव में ज्यादातर लोग मूक-बधिर हैं। यहां के करीब 80 प्रतिशत लोग मूक-बधिर हैं। कहा जाता है कि गांव में जन्म लेने के बाद बच्चे गूंगे-बहरे हो जाते हैं। इस गांव के लोग जिस सांकेतिक भाषा का इस्तेमाल करते हैं उसे काटा कोलोक कहा जाता है। उनकी भाषा सैकड़ों वर्ष पुरानी है और इस भाषा को केवल गाँव के लोग ही समझते हैं।
इस गांव में पर्यटकों की आवाजाही बहुत कम है। इस गांव को बधिर गांव के नाम से भी जाना जाता है। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा गांव है जहां के लोग बोल या सुन नहीं सकते। काटा कोलोक एक सांकेतिक भाषा है जिसका इस्तेमाल न केवल इस गांव के लोग बल्कि सरकारी कार्यालयों में भी करते हैं। इस गांव की आबादी करीब तीन हजार है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस गांव में कैथथ3 नामक जीन की मौजूदगी के कारण यहां के लोग बहरे और गूंगे हैं। यहां यह जीन जन्म लेने वाले लोगों में सात पीढ़ियों तक प्रसारित होता है। इसके कारण लोग बहरे पैदा होते हैं।
वैज्ञानिकों के विपरीत इस गांव के लोग अपने बहरेपन के पीछे का कारण कुछ और ही मानते हैं। इस गांव में रहने वाले लोगों का मानना है कि यह बहरापन एक श्राप के कारण है। यहां के लोगों का कहना है कि कई साल पहले यहां दो लोग रहते थे जो काला जादू जानते थे, लेकिन एक दिन उनमें किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया और इस दौरान उन्होंने एक-दूसरे को बहरा होने का श्राप दे दिया। यहां रहने वाले लोगों का मानना है कि यह अभिशाप पिछली सात पीढ़ियों से फैलता आ रहा है।