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क्या बेडरूम में लगा सकते हैं राधा कृष्ण की तस्वीर, पंडित जी से जानें

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हर कोई चाहता है कि उसका बेडरूम सुकून भरा और सजीव हो। इसके लिए लोग बेडरूम की दीवारों को सुंदर बनाने के लिए तस्वीरें, सजावटी वस्तुएं और सकारात्मक ऊर्जा देने वाले चित्र लगाते हैं। खासकर राधा-कृष्ण की तस्वीर को कई लोग अपने बेडरूम की दीवारों पर सजाते हैं, लेकिन क्या यह वाकई सही है? क्या यह वास्तु के नियमों के अनुसार शुभ माना जाता है?

इस विषय पर हमने बात की पंडित जन्मेश द्विवेदी जी से, जो कि वास्तु और ज्योतिष के ज्ञाता हैं। उन्होंने राधा-कृष्ण की तस्वीर को लेकर कई जरूरी बातें बताईं, जिनका पालन करना हर विवाहित जोड़े के लिए लाभकारी हो सकता है।

राधा-कृष्ण को क्यों माना जाता है प्रेम का प्रतीक?

पंडित जी बताते हैं कि राधा-कृष्ण का प्रेम शुद्ध, आध्यात्मिक और समर्पण भाव से परिपूर्ण था। इसी कारण उन्हें प्रेम का प्रतीक माना जाता है। उनका प्रेम सांसारिक नहीं, बल्कि आत्मिक था। इसीलिए विवाहित दंपत्ति के बेडरूम में अगर सही तरीके से इनकी तस्वीर लगाई जाए, तो यह रिश्ते में मधुरता और सकारात्मकता लाने का काम करती है।

बेडरूम में तस्वीर लगाने के नियम

पंडित जी के अनुसार, राधा-कृष्ण की तस्वीर बेडरूम में जरूर लगाई जा सकती है, लेकिन इसके लिए कुछ खास नियमों का पालन करना आवश्यक है:

  1. दिशा का ध्यान रखें:
    तस्वीर को उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या उत्तर दिशा की दीवार पर ही लगाना चाहिए। यह दिशा शुभ मानी जाती है और यहां से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

  2. प्रेमभाव वाली तस्वीर ही लगाएं:
    ऐसी तस्वीर चुनें जिसमें राधा और कृष्ण के बीच प्रेम, मधुरता और सौहार्द झलकता हो। लड़ाई, युद्ध, या गंभीर मुद्रा वाली तस्वीरें बेडरूम में नहीं लगानी चाहिए।

  3. पवित्रता बनाए रखें:
    तस्वीर के आसपास कोई भी अपवित्र या गंदगी से जुड़ी वस्तु नहीं होनी चाहिए। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

  4. पैर नहीं होने चाहिए तस्वीर की ओर:
    सोते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपके पैर राधा-कृष्ण की तस्वीर की ओर न हों। यह भगवान के प्रति अनादर माना जाता है।

  5. तस्वीर को नियमित साफ करें:
    भगवान की तस्वीरें धूल-मिट्टी से ढकी न रहें। इन्हें साफ और स्वच्छ रखना शुभता को बनाए रखता है।

तस्वीर लगाने के फायदे

  • रिश्तों में प्रेम और मधुरता बनी रहती है।

  • बेडरूम में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

  • मन में शांति और भक्ति का भाव आता है।

  • जीवनसाथी के साथ आपसी समझ और सामंजस्य बढ़ता है।

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