
हमारी पृथ्वी पर लाखों ऐसे रहस्य हैं जिन्हें मनुष्य आज तक नहीं जान पाया है। आज हम आपको एक ऐसे ही रहस्य के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसे जानकर आप जरूर हैरान हो जाएंगे। यह रहस्य एक नदी से जुड़ा हुआ है। जिसका पानी हमेशा गर्म रहता है। इतना ही नहीं, नदी का पानी इतना गर्म है कि अगर कोई गलती से भी इसमें गिर जाए तो उसकी मौत निश्चित है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं उबलती नदी की। जिसका पानी हमेशा उबलता रहता है। यह रहस्यमयी नदी अपने आप में कई रहस्य छुपाए हुए है। वैज्ञानिक भी इस नदी के रहस्यों को नहीं सुलझा सके।
आपको बता दें कि इस नदी के अनसुलझे रहस्यों को सुलझाने के लिए वैज्ञानिकों का शोध अभी भी जारी है। माना जा रहा है कि वैज्ञानिक जल्द ही 'द बॉयलिंग रिवर' का रहस्य सुलझा लेंगे कि आखिर इस नदी का पानी क्यों उबल रहा है। यह नदी दक्षिण अमेरिका के पेरू में मौजूद है जो 24 घंटे उबलती रहती है। यह नदी लगभग 7 किलोमीटर लम्बी है। एक स्थान पर यह नदी 80 फीट चौड़ी हो जाती है तथा एक स्थान पर इसकी गहराई 16 फीट तक है। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इस नदी के आसपास कोई ज्वालामुखी नहीं है। इसके बावजूद इस नदी का पानी हमेशा उबलता रहता है। यह प्राकृतिक रूप से गर्म नदी है, इसलिए वैज्ञानिक इसे दुनिया की सबसे बड़ी तापीय नदी मानते हैं।
आपको बता दें कि इस नदी की खोज भूविज्ञानी आंद्रे रूज़ो ने वर्ष 2011 में की थी। अमेज़न जंगल का एक हिस्सा पेरू से सटा हुआ है, इसी पेरू में यह रहस्यमयी नदी यानि 'द बॉइलिंग रिवर' स्थित है। पेरू दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप पर स्थित एक देश है। अगर अमेज़न जंगल की बात करें तो इसका 13 प्रतिशत हिस्सा पेरू में आता है। 'द बॉयलिंग रिवर' इसी में स्थित है। टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेज़न के जंगलों के बीच इस नदी में साल्ट रिवर और हॉट रिवर नाम की दो नदियाँ मिलती हैं। जो लंबाई में बॉयलिंग नदी से बहुत छोटी है। नैस डेली नामक यूट्यूब चैनल के अनुसार इस पानी का तापमान 90 डिग्री सेंटीग्रेड से भी अधिक पहुंच जाता है।
आश्चर्य की बात तो यह है कि उबलते पानी के कारण जो भी जानवर इसमें गिरता है उसकी मौत हो जाती है। इसमें मनुष्य का चलना कठिन है क्योंकि गर्म पानी के कारण पैरों में छाले पड़ जाते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार यह पानी गर्म पानी का झरना है। धरती की गर्मी से पानी गर्म होकर बाहर निकलता है और गर्म पानी का झरना बन जाता है। नदी के आसपास के क्षेत्रों में कई जनजातियाँ रहती हैं और वे वर्षों से इस नदी को पवित्र मानती हैं। उनके अनुसार नदी के पानी में चोटों और घावों को ठीक करने की शक्ति होती है। इसीलिए लोगों का इलाज भी पानी से ही किया जाता है। जैसे-जैसे नदी आगे बढ़ती है, वह ठंडी होती जाती है।