इस पेड़ को काटने पर निकलता है खून, इसके प्रयोग से होते हैं हैरान कर देने वाले फायदे
दुनिया में कई प्रकार के पेड़-पौधे पाए जाते हैं, जो अपनी विशेषताओं और गुणों के लिए प्रसिद्ध होते हैं। इन पेड़ों में से एक बेहद अनोखा पेड़ है, जिसे दक्षिण अफ्रीका के विभिन्न इलाकों में 'ब्लडवुड ट्री' के नाम से जाना जाता है। इस पेड़ को काटने पर एक खून जैसा लाल रंग का पदार्थ बाहर निकलता है, जो इसे अन्य पेड़ों से बिलकुल अलग बनाता है।
‘ब्लडवुड ट्री’ का अनोखा गुण
ब्लडवुड ट्री को स्थानीय भाषा में कियात, मुकवा, और मुनिंगा कहा जाता है। इसे 'ब्लडवुड' इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इस पेड़ को काटने पर खून जैसा लाल, चिपचिपा पदार्थ निकलता है। यह पेड़ दक्षिण अफ्रीका के जंगलों में पाया जाता है और यह अपनी अनूठी विशेषताओं के कारण वहां के लोगों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
इसके प्रयोग
ब्लडवुड ट्री से निकलने वाला लाल रंग का पदार्थ न केवल दृश्य रूप से अद्वितीय है, बल्कि इसके कई औषधीय और कॉस्मेटिक उपयोग भी हैं। इस पदार्थ को अफ्रीका के लोग जानवरों की चर्बी के साथ मिलाकर कॉस्मेटिक उत्पादों में उपयोग करते हैं। इसके अलावा, यह दवाइयों के रूप में भी काम आता है। स्थानीय लोग इसका उपयोग दाद, कटने पर, आंखों की समस्याओं, मलेरिया, और पेट संबंधी समस्याओं को ठीक करने के लिए करते हैं।
इसके महत्व और मांग
दक्षिण अफ्रीका में ब्लडवुड ट्री की बहुत अधिक मांग है, और इसलिए इस पेड़ को वहां बड़ी संख्या में उगाया जाता है। इस पेड़ की लकड़ी भी बहुत मजबूत होती है और इसे फर्नीचर बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा, यह पेड़ अपने आकर्षक रूप और आकार के कारण भी लोगों का ध्यान आकर्षित करता है।
ब्लडवुड ट्री 12 से 18 मीटर तक ऊंचा हो सकता है और जब इसे काटा जाता है तो इसका लकड़ी सामान्य पेड़ों की तुलना में कम सिकुड़ता है, जिससे यह अधिक टिकाऊ बनता है। इसकी लकड़ी को बेहतरीन गुणवत्ता के फर्नीचर बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
निष्कर्ष
ब्लडवुड ट्री न केवल अपनी अनोखी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह एक बेहद महत्वपूर्ण पेड़ है, जिसका उपयोग स्वास्थ्य से लेकर फर्नीचर निर्माण तक में किया जाता है। दक्षिण अफ्रीका में इसके गुणों के कारण इसकी मांग बढ़ी है, और यह पेड़ वहां के स्थानीय लोगों के लिए एक अमूल्य धरोहर बन चुका है।

