Samachar Nama
×

पूजा के समय हवन करने से पहले जान लें कुछ ज़रूरी बातें, कैसा होना चाहिए हवन कुंड और उसके नियम

sfds

हिंदू धर्म में हवन एक अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक प्रक्रिया मानी जाती है, जिसे न केवल धार्मिक अनुष्ठानों का हिस्सा माना जाता है, बल्कि यह मानसिक, शारीरिक और वातावरणीय शुद्धि का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम है। हवन के दौरान अग्नि में आहुतियां अर्पित की जाती हैं, जिनमें औषधीय गुणों वाली जड़ी-बूटियां, गाय का घी, हवन सामग्री आदि शामिल होती हैं। इससे उत्पन्न सुगंध और धुआं नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर में सकारात्मकता भर देता है।

लेकिन एक बड़ा सवाल ये है कि हवन के बाद जो हवन कुंड उपयोग में लाया गया है, उसे क्या करना चाहिए? क्या उसे कहीं भी रख देना उचित है? या उसके लिए कोई विशेष दिशा और स्थान निर्धारित किया गया है? इन सभी सवालों का उत्तर देते हुए ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी बताते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार हवन कुंड को सही दिशा में रखना अत्यंत आवश्यक है, जिससे उसकी सकारात्मक ऊर्जा लंबे समय तक बनी रहे।

हवन कुंड की पवित्रता क्यों महत्वपूर्ण है?

हवन कुंड केवल एक धातु का पात्र नहीं है, बल्कि यह वह स्थान है जहाँ अग्नि देवता का आवाहन किया जाता है और देवताओं को आहुतियां दी जाती हैं। हवन के समय इसमें दिव्य ऊर्जा का संचार होता है, जो घर को ऊर्जा से भर देती है। इसलिए हवन के बाद भी इसकी पवित्रता बनाए रखना जरूरी है।

अगर आपका हवन कुंड तांबा या पीतल जैसे धातु से बना है और आप उसे भविष्य में भी उपयोग करना चाहते हैं, तो उसे अच्छी तरह साफ करके किसी साफ कपड़े से ढककर रखें। यह भी ध्यान रखें कि इसे अपवित्र वस्तुओं के संपर्क में न आने दें।

हवन कुंड रखने की सही दिशा क्या है?

पंडित अरविंद त्रिपाठी के अनुसार हवन कुंड रखने की सबसे शुभ दिशा दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) मानी जाती है। यह दिशा अग्नि तत्व से जुड़ी होती है और ऊर्जा, उत्साह और समृद्धि का प्रतीक होती है। इस दिशा में हवन कुंड को रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

यदि संभव हो तो आप इसे अपने पूजा घर या पूर्व दिशा में भी रख सकते हैं। पूर्व दिशा को भी आध्यात्मिक दृष्टि से शुभ माना गया है क्योंकि यह सूर्य की दिशा है और जीवन ऊर्जा का प्रतीक है।

किन दिशाओं में नहीं रखना चाहिए हवन कुंड?

वास्तु शास्त्र में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि हवन कुंड को पश्चिम या दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए। ये दिशाएं नकारात्मकता और रुकावटों से जुड़ी होती हैं। इन दिशाओं में हवन कुंड रखने से घर के वातावरण में शांति की बजाय बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।

हवन कुंड की देखरेख कैसे करें?

  • जिस स्थान पर आपने हवन कुंड रखा है, उसकी नियमित सफाई आवश्यक है।

  • धूल या गंदगी इसके ऊर्जा प्रभाव को कम कर सकती है।

  • हवन कुंड को ढककर रखें और बच्चों या पालतू जानवरों की पहुंच से दूर रखें।

Share this story

Tags