Samachar Nama
×

अद्भुत: मौत के बाद महिला ने दिया बच्चे को जन्म, वैज्ञानिक भी रह गए दंग

;;

दुनिया रहस्यों से भरी है। हर दिन कुछ न कुछ ऐसा घटता है जो विज्ञान की समझ से परे लगता है। इंसान जहां अपने ज्ञान पर गर्व करता है, वहीं प्रकृति समय-समय पर ऐसे चमत्कार दिखा देती है कि वैज्ञानिक भी स्तब्ध रह जाते हैं। ऐसी ही एक रहस्यमयी और चौंकाने वाली घटना साउथ अफ्रीका में घटी, जहां एक मृत महिला ने मरने के 10 दिन बाद एक बच्चे को जन्म दिया। सुनने में भले ही यह असंभव लगे, लेकिन यह घटना पूरी दुनिया के लिए आज भी एक रहस्य बनी हुई है।

कहां और कैसे हुई यह रहस्यमयी घटना?

यह हैरान कर देने वाली घटना साउथ अफ्रीका के मथियासी गांव की है। गांव की एक महिला जो कि गर्भवती थी और प्रसव के अंतिम महीने में थी, उसकी अचानक मृत्यु हो गई। महिला की मौत के बाद उसके शव को पोस्टमार्टम और अस्पताल की प्रक्रिया के तहत दस दिन तक एक ताबूत में बंद कर अस्पताल में रखा गया

जब दस दिन बाद अस्पताल ने महिला का शव परिजनों को सौंपा, तब किसी को अंदेशा भी नहीं था कि ताबूत के अंदर क्या है। लेकिन जैसे ही परिजनों ने ताबूत खोला, तो वे सन्न रह गए। उस मृत महिला ने ताबूत में ही एक बच्चे को जन्म दे दिया था। हालांकि, ताबूत में हवा न होने के कारण बच्चे की भी मृत्यु हो चुकी थी

क्या था परिवार का रिएक्शन?

इस हृदयविदारक दृश्य को देखकर परिवार और गांव वाले शोक और हैरानी से भर गए। एक तरफ जहां महिला की मौत से पूरा परिवार दुखी था, वहीं ताबूत में नवजात शिशु को देखकर उनका दुख और बढ़ गया।
परिजनों ने बच्चे को भी मां के शव के साथ समाधि में दफना दिया। इस घटना की खबर धीरे-धीरे पूरे देश में फैलने लगी और फिर यह दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गई।

वैज्ञानिक और डॉक्टर भी रह गए हैरान

इस चमत्कारी लगने वाली घटना ने चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को भी चौंका दिया। कई लोग इसे अंधविश्वास समझने लगे, लेकिन जब विशेषज्ञों ने मामले की गहराई से जांच की, तो उन्होंने इसके पीछे का संभावित वैज्ञानिक कारण भी सामने रखा।

डॉक्टरों के अनुसार, जब कोई महिला गर्भवती होती है और उसकी मृत्यु हो जाती है, तब भी उसके शरीर के भीतर कुछ जैविक प्रक्रियाएं सीमित समय तक जारी रह सकती हैं। विशेष रूप से तब, जब शव को सुरक्षित तापमान में रखा गया हो, जैसा कि इस मामले में हुआ।

क्या कहता है विज्ञान?

डॉक्टरों और फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने बताया कि जब मृत शरीर को कुछ दिनों तक ठंडे तापमान में रखा जाता है, तो उसमें गैस बनना शुरू हो जाती है।

यह गैस शरीर के पेट और प्रजनन अंगों पर दबाव बनाती है, जिससे प्रसव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
इस प्रक्रिया को "Postmortem Fetal Expulsion" कहा जाता है। आम बोलचाल की भाषा में इसे "कॉफिन बर्थ" (Coffin Birth) भी कहा जाता है।

यह एक अत्यंत दुर्लभ घटना होती है, लेकिन शव विज्ञान (forensic pathology) में इसे रिकॉर्ड किया गया है।

क्या बच्चा कभी जिंदा था?

इस पूरे मामले में अब तक सबसे बड़ा सवाल यही बना हुआ है कि क्या जब बच्चा पैदा हुआ था तब वह जीवित था?
इस प्रश्न का उत्तर स्पष्ट रूप से नहीं मिल पाया है, क्योंकि ताबूत सील था और बच्चा जन्म के बाद कितनी देर तक जीवित रहा, इसका कोई प्रमाण नहीं है।

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ताबूत में ऑक्सीजन की थोड़ी भी मात्रा होती, तो बच्चा कुछ समय के लिए जीवित रह सकता था। लेकिन ताबूत में बंद होने और हवा न होने की वजह से शिशु की मृत्यु हो गई।

सामाजिक और धार्मिक प्रतिक्रिया

इस घटना को लेकर कई लोगों ने धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी देखा। कुछ लोगों ने इसे चमत्कार बताया, तो कुछ ने कहा कि यह ईश्वर की कोई विशेष लीला थी। गांव में इस घटना को लेकर अंधविश्वास और मान्यताओं का दौर भी शुरू हो गया

वहीं डॉक्टरों ने लोगों को स्पष्ट रूप से समझाया कि यह एक दुर्लभ लेकिन वैज्ञानिक रूप से संभव घटना है, जिसे पूरी तरह से समझना जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से जुड़ी भ्रांतियों को रोका जा सके।

निष्कर्ष

साउथ अफ्रीका की यह घटना भले ही अजीब और असंभव लगे, लेकिन यह हमें बताती है कि मृत्यु के बाद भी शरीर में कुछ गतिविधियां ऐसी होती हैं, जो हमें आश्चर्यचकित कर सकती हैं।
यह घटना विज्ञान, भावनाओं और मान्यताओं का ऐसा संगम है, जिसने पूरी दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

मृत्यु के बाद जीवन का ऐसा संकेत, भले ही एक क्षण के लिए ही क्यों न हो, मानव अस्तित्व और प्रकृति के रहस्यों पर एक बार फिर से चर्चा छेड़ देता है।

Share this story

Tags