
पीपल, बरगद और तुलसी के पौधों में दैवीय शक्तियां पाई जाती हैं। जिनकी लोग पूजा करते हैं। इसके साथ ही वे गुणों से भरपूर हैं। इसके अलावा हम देवी-देवताओं की पूजा फूलों से करते हैं। एक ऐसा फूल है जो सचमुच दिव्य शक्ति से भरा हुआ है। आज हम आपको ब्रह्मा पुष्प के बारे में बताने जा रहे हैं। इसे ब्रह्मा जी का पुष्प माना जाता है।ब्रह्मा पुष्प आपको किसी साधारण स्थान पर नहीं मिलेगा। यह फूल हिमालय की ऊंचाइयों पर पाया जाता है। इसका अपना पौराणिक महत्व है। इस फूल के बारे में मान्यता है कि जिसे यह फूल मिल जाता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। कमल जैसा दिखने वाला यह फूल सफेद रंग का होता है। यह देखने में काफी आकर्षक है।
ब्रह्मा पुष्प के बारे में कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। एक मान्यता के अनुसार, कमल जिस पर सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा स्वयं विराजमान हैं। वह ब्रह्म कमल है, जिससे सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी उत्पन्न हुए थे। एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार जब पांडव वन में वनवास पर थे, तो द्रौपदी भी पांडवों के साथ गई थी। द्रौपदी कौरवों से मिले अपमान को भूल नहीं पा रही थी। इसके साथ ही वह जंगल की यातनाएं भी सहन कर रही थी।
जिसके कारण वह मानसिक पीड़ा से परेशान थी। तभी अचानक उसने पानी की लहरों में बहते हुए सुनहरे कमल को देखा और उसका सारा दर्द एक अलग तरह की खुशी में बदल गया। कमल को देखकर उसके मन में एक अलग आध्यात्मिक ऊर्जा का एहसास हुआ। जिसके बाद द्रौपदी ने अपने पति दुर्योधन को उस सुनहरे फूल की खोज के लिए भेजा। इस खोज के दौरान भीम की मुलाकात हनुमान जी से हुई।
ब्रह्मा पुष्प के बारे में मान्यता है कि जो भी व्यक्ति जीवन में एक बार इस पुष्प को देख लेता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। इसे खिलते हुए देखना भी आसान नहीं है क्योंकि यह देर रात को खिलता है और केवल कुछ घंटों तक ही खिलता है। यह फूल 14 साल में केवल एक बार खिलता है, जिसके कारण इस फूल को देख पाना बहुत मुश्किल है।