जब भी हम भगवान गणेश के मंदिरों की बात करते हैं तो भारत का नाम सबसे पहले आता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि थाईलैंड जैसे बौद्ध बहुल देश में भी गणपति बप्पा की जबरदस्त आस्था है? जी हां! थाईलैंड में स्थित गणेश मंदिर (Ganesha Temple Thailand) एक ऐसा अजब-गजब स्थल है जहां न केवल भारतीय मूल के लोग, बल्कि थाई नागरिक भी बप्पा को 'फ्रया पिकानेत' (Phra Phikanet) के नाम से पूजते हैं।
कहां स्थित है थाईलैंड का गणेश मंदिर?
थाईलैंड में कई स्थानों पर गणेश मंदिर हैं, लेकिन सबसे प्रसिद्ध मंदिर नखोन नायक (Nakhon Nayok) प्रांत में स्थित है। यह मंदिर बैंकॉक से लगभग 120 किलोमीटर की दूरी पर है और यहां स्थित 13 मीटर ऊंची भगवान गणेश की विशाल मूर्ति थाईलैंड की सबसे ऊंची गणेश प्रतिमाओं में से एक है।
मंदिर की अजब-गजब बातें
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बुद्ध भूमि में बप्पा की भव्य मूर्ति
थाईलैंड में जहां बौद्ध धर्म का बोलबाला है, वहां भगवान गणेश को सफलता, कला और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। यही कारण है कि थाई लोग नए कार्यों की शुरुआत बप्पा की पूजा से करते हैं। -
हाथी देवता के रूप में सम्मान
थाईलैंड में गणेश जी को 'हाथी देवता' मानकर पूजा जाता है। उनकी मूर्ति के चारों ओर थाई संस्कृति के अनुसार खास सजावट की जाती है – जैसे फूलों की माला, चंदन और धूपबत्तियां। -
फिल्म और आर्ट इंडस्ट्री में विशेष पूजन
थाईलैंड की फिल्म और आर्ट इंडस्ट्री में काम करने वाले लोग विशेष रूप से गणेश जी की पूजा करते हैं। बप्पा को "कला और रचना का देवता" माना जाता है। थाई कलाकारों के स्टूडियो में गणेश जी की मूर्ति आम देखने को मिलती है। -
थाई त्योहार – गणेश चतुर्थी
हर साल थाईलैंड में गणेश चतुर्थी बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। नखोन नायक मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और बप्पा को मोदक, फूल और नारियल अर्पित करते हैं। -
थाई आस्था का भारतीय रूप
थाई भाषा में ‘Phra Phikanet’ कहे जाने वाले गणेश जी की मूर्तियों पर थाई लिपि में मंत्र लिखे होते हैं, लेकिन उनके सिर पर पारंपरिक भारतीय मुकुट, और हाथों में अंकुश, पाश, मोदक और कमल होता है – जो भारत की सांस्कृतिक छाप को साफ दर्शाता है।
थाईलैंड में गणेश जी का प्रभाव
थाईलैंड की करेंसी, कला, वास्तु और कई राजसी प्रतीकों में भी गणेश जी की आकृति देखने को मिलती है। यहां के कई सरकारी ऑफिसों और दुकानों में गणेश जी की मूर्ति रखी जाती है ताकि बप्पा व्यापार में वृद्धि करें और हर विघ्न को दूर करें।
निष्कर्ष
थाईलैंड का गणेश मंदिर न सिर्फ एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की वैश्विक शक्ति और स्वीकार्यता का प्रमाण भी है। अजब बात यह है कि जहां बौद्ध और हिंदू परंपराएं अलग मानी जाती हैं, वहीं थाईलैंड जैसे देश में दोनों का ऐसा सुंदर संगम दिखता है – और इसका श्रेय कहीं न कहीं विघ्नहर्ता बप्पा को ही जाता है। अगर आप थाईलैंड घूमने जा रहे हैं, तो नखोन नायक का गणेश मंदिर जरूर जाएं – यहां आपको आध्यात्म, संस्कृति और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।

