सिर्फ उड़ाने का ही नहीं, बल्कि पतंग पहनने का भी शौक रखता है ये शख्स, बताई ऐसी अनोखी वजह जिसे जानकर हिल जाएगा दिमाग

एक ऐसा जुनून जो सबको हैरान कर दे और एक ऐसा शौक जो किसी पर निर्भर न हो। जी हां, भोपाल से ऐसी ही चौंकाने वाली खबर सामने आई है। जहां एक ओर मकर संक्रांति के अवसर पर सभी लोग पतंग उड़ाने के शौकीन हैं, वहीं एक व्यक्ति ऐसा भी है जो पतंग उड़ाने के साथ-साथ पतंग पहनने का भी शौकीन है। हम बात कर रहे हैं भोपाल के लक्ष्मीनारायण की, जो पतंगबाजी के शौक के चलते अपने गले में करीब 5 से 6 लाख रुपए कीमत की सोने की पतंग पहने हुए हैं। जिसके कारण वह हर साल दुनिया भर के पतंगबाजों के बीच आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं।
लक्ष्मीनारायण खंडेलवाल का यह जुनून देखकर लोग आश्चर्यचकित रह गए। लक्ष्मीनारायण खंडेलवाल हर साल एक सोने की पतंग बनाते हैं और उसे अपने गले में पहनते हैं। इसके साथ ही वे पतंग के आकार की छोटी-छोटी सोने की अंगूठियां भी बनाते हैं, जिन्हें वे अपने हाथों में पहनते हैं। इसी कारण लोग उन्हें पतंगबाज भी कहते हैं। लक्ष्मी नारायण को पूरे भोपाल में पतंगबाज के नाम से जाना जाता है। लक्ष्मी नारायण खंडेलवाल मकर संक्रांति के अवसर पर भोपाल में आयोजित पतंगबाजी प्रतियोगिता में कमेंट्री भी करते हैं। जिसे देखकर लोगों का मजा दोगुना हो जाता है।
लक्ष्मीनारायण भोपाल में पतंगों के थोक विक्रेता हैं, जो पतंग बेचने के लिए नहीं, बल्कि पतंग से बने आभूषण पहनने के लिए जाने जाते हैं। लक्ष्मी नारायण खंडेलवाल करीब 50 वर्षों से पतंग उड़ा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बचपन से ही पतंगों के प्रति उनका ऐसा जुनून था कि आज तक यह जुनून उनके दिलोदिमाग से नहीं गया। उन्होंने कहा कि वह हर साल मकर संक्रांति का इंतजार करते हैं कि कब त्योहार आएगा और कब वह पतंग उड़ा सकेंगे।
पतंगबाज खंडेलवाल ने बताया कि पतंग तो सभी उड़ाते हैं, लेकिन मुझे पतंग उड़ाने का शौक है। मैंने इस साल नई सोने की पतंगें बनाई हैं। हर साल मैं सोने की पतंग का एक नया आइटम बनाता हूं। पतंगबाज ने बताया कि पहले वह चांदी की पतंगें बनाता था, लेकिन अब उसने सोने की पतंगें बनानी शुरू कर दी हैं। साल में एक बार संक्रांति का त्यौहार आता है, जिस दिन मैं पूरे मन से पतंग उड़ाता हूँ।लक्ष्मीनारायण को 10 वर्ष की उम्र से ही पतंग उड़ाने का बड़ा शौक था। इसी शौक के चलते उन्होंने सोचा कि क्यों न पतंग को आभूषण के रूप में बनाकर पहना जाए। इस शौक को पूरा करते हुए उन्होंने हर साल सोने की पतंगें बनाना शुरू कर दिया। जिसे वे अपने गले में, कानों में और हाथों में पहनते हैं। इस साल भी उन्होंने दो तोले से अधिक वजन की पतंग और चकरी बनाई है। जो पतंग उड़ाने वालों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।