अजब गजब! देश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां भक्त माता रानी को लगाते हैं नूडल्स और चाऊमीन का भोग, ये लोग होते हैं पुजारी
भारत में आस्था के अनेक उदाहरण आपको आसानी से देखने और सुनने को मिल जाएंगे। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां माता को नूडल्स और चाऊमीन का भोग लगाया जाता है। जी हां, प्रसाद के रूप में भक्तों को चीनी भोजन भी वितरित किया जाता है। इस अनोखे और अद्भुत मंदिर का नाम 'चीनी काली माता मंदिर' है। जो पश्चिम बंगाल के टेंगरा में स्थित है। आइये जानते हैं चीनी काली माता मंदिर के बारे में –
हिंदू श्रद्धालुओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में चीनी और बौद्ध धर्म से जुड़े लोग भी यहां देवी के दर्शन के लिए आते हैं। काली माता का यह मंदिर अपनी विशिष्टता के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। देवी की पूजा के बाद मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में नूडल्स, फ्राइड राइस, चाउमीन और मंचूरियन दिए जाते हैं। अक्सर बड़ी संख्या में भक्तों को देवी के दर्शन के लिए मंदिर में एकत्रित होते देखा जा सकता है।
आपको बता दें कि यह मंदिर इतिहास में बेहद अनोखा रहा है। कहा जाता है कि माता का यह मंदिर चीनी लोगों ने बनवाया था। बहुत पहले यहाँ एक पेड़ हुआ करता था। उस पेड़ के नीचे कुछ काले पत्थर रखे गए थे, जिन्हें मां काली के प्रतीक के रूप में पूजा जाता था। उस समय इस स्थान पर बहुत से चीनी लोग रहा करते थे।
किंवदंती के अनुसार, एक चीनी लड़के की तबीयत अचानक खराब हो गई और उसके बचने की कोई संभावना नहीं थी। लड़के के माता-पिता उसे काली माता के रूप में काले पत्थर के पास ले गए। लड़के के स्वास्थ्य के लिए आशीर्वाद मांगते हुए पत्थर की भक्तिपूर्वक पूजा की गई। जिसके बाद लड़का पूरी तरह स्वस्थ हो गया। देवी के चमत्कार से प्रसन्न होकर बालक के माता-पिता ने उस काले पत्थर पर चीनी काली माता का मंदिर बनवाया। तब से कई चीनी लोग इस मंदिर में आते रहे हैं और प्रार्थना करते रहे हैं। इतना ही नहीं, मंदिर के अंदर कई चीनी पुजारी भी हैं। यहां आने वाले भक्तों को प्रसाद के रूप में चॉप्सी और चाउमीन दी जाती है।
ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में आने वाले भक्त मंदिर के अंदर हाथ से बना कागज जलाते हैं। मान्यता के अनुसार ऐसा करने से जीवन में सकारात्मकता आती है और बुरी आत्माएं उनसे दूर रहती हैं। आज यह मंदिर अपनी विशिष्टता के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।