आखिर क्यों गणेश जी को कहा जाता है एकदंत, जानें कहां गिरा था उनका टूटा हुआ दांत?

गणेश जी हिन्दू धर्म के सबसे प्रिय और पूजनीय देवताओं में से एक हैं। उन्हें विघ्नहर्ता, बुद्धि के देवता, और नए कार्यों के शुभारंभकर्ता के रूप में जाना जाता है। गणेश जी के अनेक नाम हैं, लेकिन उनमें से एक नाम ‘एकदंत’ (जिसका अर्थ है ‘एक दांत वाला’) बेहद खास और लोकप्रिय है। सवाल यह उठता है कि आखिर गणेश जी को ‘एकदंत’ क्यों कहा जाता है और उनका टूटा हुआ दांत कहाँ गिरा था? आइए जानें इसके पीछे की रोचक और पौराणिक कथा।
एकदंत नाम की पौराणिक कथा
कहानी के अनुसार, एक बार भगवान शिव और पार्वती के पुत्र गणेश जी ने ब्रह्मा, विष्णु और अन्य देवताओं के साथ ज्ञान और शक्ति के विषय में चर्चा की। उस समय गणेश जी के दांत टूटने की घटना हुई, जिसे लेकर वे ‘एकदंत’ कहलाए।
दूसरी कथा के अनुसार, गणेश जी ने अपनी एक दांत तोड़कर अपने भक्तों और सभी जीवों की रक्षा के लिए उसका इस्तेमाल किया था।
गणेश जी का दांत क्यों टूटा?
एक प्रसिद्ध कथा है कि एक बार भगवान शिव और पार्वती के घर गणेश जी बैठे थे। उस समय वे अपनी माँ पार्वती के आदेश से घर की रखवाली कर रहे थे। तभी, भगवान शिव वापस लौटे और गणेश जी को पहचान न पाकर उनके साथ युद्ध शुरू कर दिया। युद्ध के दौरान भगवान शिव ने गणेश जी के दांत में चोट लगाई, जिससे उनका एक दांत टूट गया।
एक और कथा के अनुसार, महाभारत काल में, जब महाभारत के युद्ध का उपसंहार हुआ था, तब भगवान गणेश ने महाभारत की गाथा को लिखने के लिए अपना एक दांत तोड़ दिया था ताकि वे बिना रुके युद्ध कथा लिख सकें।
टूटा हुआ दांत कहाँ गिरा था?
कहा जाता है कि गणेश जी का टूटा हुआ दांत गिरकर पृथ्वी पर गिरा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वह दांत गिरी उस स्थान को विशेष पवित्र माना गया। कई जगहों पर गणेश जी के दांत के गिरने की कथाएं हैं, जिनमें से एक प्रमुख स्थान महाराष्ट्र का ‘एकदंत गढ़’ माना जाता है।
इसके अलावा, कई मंदिरों में गणेश जी की मूर्तियों के पास एक दांत का प्रतीक भी दर्शाया जाता है, जो उनके एकदंत नाम की याद दिलाता है।
एकदंत नाम का महत्व
‘एकदंत’ नाम गणेश जी की एकता, स्थिरता और शक्ति का प्रतीक है। उनके टूटे हुए दांत का अर्थ यह भी है कि वे अपने भक्तों की रक्षा के लिए हर प्रकार की पीड़ा सहने को तैयार हैं। यह नाम उनकी अद्भुत क्षमताओं और त्याग की गाथा कहता है।
निष्कर्ष
गणेश जी को ‘एकदंत’ कहा जाना केवल उनके एक टूटे हुए दांत की वजह से नहीं, बल्कि उनके जीवन के महान आदर्शों, त्याग और भक्तों के प्रति उनकी निस्वार्थ भक्ति के कारण है। यह नाम उनके अद्भुत व्यक्तित्व और शक्ति का प्रतीक है।
तो अगली बार जब आप गणेश जी की पूजा करें, तो ‘एकदंत’ नाम के पीछे छिपी इस गहरी पौराणिक कथा को याद जरूर करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सफल और सुखमय बनाएं।