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आखिर भानगढ़ किले में शाम 6 बजे बाद क्यों नहीं मिलती प्रवेश की अनुमति ? वीडियो में जानिए अबतक छिपा सबसे डरावना  राज़ 

आखिर भानगढ़ किले में शाम 6 बजे बाद क्यों नहीं मिलती प्रवेश की अनुमति ? वीडियो में जानिए अबतक छिपा सबसे डरावना  राज़ 

राजस्थान के अलवर जिले में स्थित भानगढ़ किला अपनी भूतिया छवि के लिए देश-विदेश में मशहूर है। यह किला न केवल अपनी प्राचीन वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है, बल्कि इसकी डरावनी कहानियों और रहस्यमयी घटनाओं ने इसे भारत के सबसे भूतिया और श्रापित स्थानों में से एक बना दिया है।यहाँ तक कि स्थानीय प्रशासन ने किले के अंदर शाम 6 बजे के बाद प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित कर रखा है। कहा जाता है कि शाम के बाद किले में अजीब और खौफनाक घटनाएं होती हैं, जिनसे कोई भी सुरक्षित नहीं रहता।


भानगढ़ किले का इतिहास: तांत्रिक का दिया श्राप
भानगढ़ किले की स्थापना 1573 में राजा माधो सिंह द्वारा की गई थी। इसका नाम भानगढ़ इसलिए पड़ा क्योंकि इसे राजा भानसिंह के शासनकाल में विकसित किया गया था। किले की सुंदरता और उसकी मजबूत दीवारें इसे एक महत्वपूर्ण किला बनाती हैं।लेकिन इसके साथ ही एक पुरानी लोककथा भी जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि भानगढ़ में एक शक्तिशाली तांत्रिक रहता था, जिसने किले और उसके निवासियों को बड़ा श्राप दिया था। कहा जाता है कि इस तांत्रिक ने राजा और उसके लोगों के खिलाफ शक्तिशाली जादू-टोना किया, जिसके कारण किला वीरान और भूतिया हो गया।

तांत्रिक का श्राप: क्या है सच?
कहानी के अनुसार, तांत्रिक ने किले पर यह श्राप दिया कि जो भी शाम 6 बजे के बाद किले में प्रवेश करेगा, उसे कभी जीवित बाहर नहीं निकाला जाएगा। इस श्राप की वजह से आज भी किले के अंदर अजीब घटनाएं होती हैं।स्थानीय लोग और पर्यटक अक्सर बताते हैं कि शाम के बाद किले में अजीब सी आवाजें आती हैं, दरवाजे अपने आप खुलते और बंद होते हैं, और कहीं-कहीं ठंडी हवा का झोंका महसूस होता है। कई बार तो लोगों ने किले में चमकती हुई आंखें और रहस्यमयी परछाइयां भी देखी हैं।

प्रशासन का कड़ा आदेश: शाम 6 बजे के बाद प्रवेश मना
सुरक्षा के लिहाज से स्थानीय प्रशासन ने किले के अंदर शाम 6 बजे के बाद किसी भी व्यक्ति के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। यह नियम पर्यटकों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है।यह आदेश भानगढ़ किले के आसपास की असामान्य घटनाओं और अज्ञात कारणों से हुई दुर्घटनाओं के बाद लागू किया गया। प्रशासन के अनुसार, किले में रात के समय प्रवेश करना अत्यंत खतरनाक हो सकता है।

भानगढ़ किले की भूतिया कहानियां और अनुभव
भानगढ़ किले से जुड़ी कई डरावनी और रहस्यमयी कहानियां प्रचलित हैं। कुछ पर्यटक और स्थानीय लोग बताते हैं कि किले में शाम के बाद एक अजीब सी सन्नाटा छा जाता है, और कई बार वहां आत्माओं की मौजूदगी महसूस होती है।एक कहानी के अनुसार, एक बार कुछ युवक किले के अंदर रात बिताने गए थे, लेकिन उन्होंने वहां से बाहर निकलने की कोशिश की तो ऐसा लगा जैसे कोई अदृश्य शक्ति उन्हें रोक रही हो। वे भटकते हुए आखिरकार डर के मारे किले से भाग निकले।

भानगढ़ किले का पर्यटकों पर प्रभाव
इन रहस्यों और भूतिया कहानियों के कारण भानगढ़ किला पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। कई लोग जानने की इच्छा रखते हैं कि आखिर ये डरावनी घटनाएं असल में क्या हैं। वहीं कुछ लोग तो साहस दिखाने के लिए रात बिताने का फैसला भी करते हैं, हालांकि यह कानूनन मना है।पर्यटक अक्सर दिन के समय किले का भ्रमण करते हैं और उसकी प्राचीनता और वास्तुकला का आनंद लेते हैं। वहीं शाम होते ही वहां का माहौल पूरी तरह बदल जाता है।

क्या विज्ञान कहता है?
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो भानगढ़ किले में होने वाली कुछ घटनाएं पुराने और जर्जर भवन की वजह से हो सकती हैं। खिड़कियों और दरवाजों के ढहने, हवा के प्रवाह और ध्वनि की गूंज के कारण लोग भयानक आवाजें सुन सकते हैं।लेकिन जो लोग किले के अंदर रात बिताने की हिम्मत करते हैं, उनके अनुभव इतने वास्तविक होते हैं कि इसे सिर्फ विज्ञान से समझाना मुश्किल हो जाता है।

भानगढ़ किला राजस्थान का एक ऐसा ऐतिहासिक स्थल है जो अपनी सुंदरता के साथ-साथ भूतिया कहानियों और रहस्यमयी घटनाओं के लिए भी प्रसिद्ध है। तांत्रिक के श्राप की कहानी, शाम 6 बजे बाद प्रवेश पर पाबंदी और यहां के अजीब अनुभव इस किले को और भी रहस्यमयी बनाते हैं।अगर आप इतिहास, रहस्य और डरावनी कहानियों में रुचि रखते हैं, तो भानगढ़ किला आपकी सूची में जरूर होना चाहिए — लेकिन याद रखें, शाम 6 बजे के बाद किले में जाना सख्त मना है!

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