आखिर क्यों प्रदोष काल में करते हैं महादेव की पूजा? जानें इसका कारण और महत्व
सावन का महीना धार्मिक दृष्टि से बेहद खास माना जाता है। इस पावन माह में सोमवार व्रत और प्रदोष काल पूजा का विशेष महत्व है। शिव भक्त सावन में सोमवार का व्रत रखते हैं और भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष काल में पूजा करते हैं। तो आइए जानते हैं कि प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा क्यों की जाती है और प्रदोष काल में शिव पूजा का क्या महत्व है।
प्रदोष काल क्या होता है?
प्रदोष काल सूर्यास्त का समय होता है, जो दिन और रात के मिलन का समय होता है। हिंदू धर्म में प्रदोष काल, जिसे "गोधूलि बेला" भी कहा जाता है, का विशेष महत्व माना जाता है। यह वह समय होता है जब दिन समाप्त होता है और रात शुरू होती है। यह समय भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। कहा जाता है कि इस दौरान की गई पूजा का फल शीघ्र प्राप्त होता है।
प्रदोष काल कब होता है?
पंचांग के अनुसार, प्रदोष काल सूर्यास्त के समय से शुरू होकर लगभग 48 मिनट तक रहता है। कुछ लोग इसे सूर्यास्त से 45 मिनट पहले से लेकर सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक मानते हैं।
प्रदोष काल का महत्व
पौराणिक मान्यताओं में प्रदोष काल को भगवान तांडव नृत्य का समय माना जाता है। कहा जाता है कि इस समय भगवान शिव कैलाश पर्वत पर नृत्य करते हैं और सभी देवी-देवता उनकी पूजा करते हैं। प्रदोष काल भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे शुभ समय होता है। धार्मिक मान्यता है कि इस समय की गई पूजा से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी करते हैं। त्रयोदशी तिथि को रखा जाने वाला प्रदोष व्रत प्रदोष काल में ही किया जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
प्रदोष काल में पूजा करने से क्या होता है?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष काल में की गई शिव पूजा मनोवांछित फल देती है। साथ ही, जातकों की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और जीवन में खुशियाँ आती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जो लोग प्रदोष काल में शिव की पूजा करते हैं, उन्हें अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।
क्या प्रदोष काल में शिवलिंग पर जल चढ़ाया जा सकता है?
प्रदोष काल में शिवलिंग पर जल चढ़ाना शुभ माना जाता है। प्रदोष काल में शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि प्रदोष काल में की गई पूजा से भौतिक सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
इसलिए हिंदू धर्म में प्रदोष काल को भगवान शिव की पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है और भक्त भगवान शिव की कृपा पाने के लिए इस समय को विशेष महत्व देते हैं।

