Samachar Nama
×

आखिर क्यों इस देश में लकड़ी के बक्शे में बंद करके रखते हैं भगवान गणेश की मूर्ति, यह है वजह

हिंदू धर्म में हर नए काम की शुरुआत भगवान गणेश के नाम से की जाती है। वैसे तो भारत में भगवान गणेश की मूर्ति को मंदिर में रखकर पूजा की जाती है, लेकिन दुनिया में एक ऐसा देश भी है जहां भगवान गणेश की मूर्ति को एक डिब्बे में छिपाकर रखा जाता है और इतना ही नहीं पूजा भी डिब्बे के अंदर ही की जाती है। दरअसल, जापान में भी ऐसी ही परंपरा का पालन किया जाता है। जापान की राजधानी टोक्यो में कई बौद्ध मंदिर हैं, जो हजारों साल पुराने हैं। इनमें से एक मंदिर में हिन्दू देवता भगवान गणेश की मूर्ति रखी हुई है।

आठवीं शताब्दी में बने इस मंदिर का नाम मात्सुचियामा शोटेन है, इसमें रखी भगवान गणेश की मूर्ति जापानी संस्करण है। यहां तंत्र-मंत्र में विश्वास रखने वाले बौद्ध लोग इस मूर्ति की पूजा करते हैं। धर्म से जुड़े विषयों पर शोध करने वाले लोगों का मानना ​​है कि भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले आठवीं शताब्दी में जापान में हुई थी। बौद्ध धर्म में एक शाखा ऐसी भी है जिसके अनुयायी बौद्ध धर्म में आस्था रखते हुए तांत्रिक शक्तियों की पूजा करते हैं। बौद्ध धर्म की यह शाखा भारत के उड़ीसा से होते हुए चीन और फिर जापान तक पहुँचती है।

दरअसल, जापान में भगवान गणेश (केंगितेन) को एक शक्तिशाली देवता के रूप में देखा जाता है। इसीलिए सभी धार्मिक लोग पूजा-पाठ भी एक विशेष तरीके से करते हैं, इसके लिए वे पहले खुद को शुद्ध करते हैं और उसके बाद तंत्र-मंत्र का सहारा लेकर अपनी सिद्धि प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। ऐसे में गणेश जी में आस्था रखने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसका उल्लेख शास्त्रीय स्वर्ण युग (794-1185 ई.) के दौरान मिलता है। वर्तमान में जापान में भगवान गणेश के कुल 250 मंदिर हैं, लेकिन इन्हें अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है जैसे केंगितेन, शोटेन, गणबाची (गणपति) और बिनायकातेन (विनायक) आदि।

आपको बता दें कि जापान के तांत्रिक बौद्ध धर्म में भगवान गणेश को हाथी के चारों ओर लिपटा हुआ दिखाया जाता है और इसे शक्ति कहा जाता है। यह मूर्ति स्त्री-पुरुष के मिलन से उत्पन्न ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है। हालाँकि गणेश जी की मूर्ति या चित्र उनके कामुक स्वरूप के कारण मंदिरों में दिखाई नहीं देते। इसलिए इन्हें एक सुसज्जित लकड़ी के बक्से में रखा जाता है, जिसकी प्रतिदिन पूजा की जाती है। केवल विशेष अवसरों पर ही मूर्ति को बाहर निकाला जाता है और सबके सामने उसकी पूजा की जाती है।

बाकी दिनों में यह मूर्ति एक लकड़ी के बक्से में रहती है। जापान में गणेश का सबसे बड़ा मंदिर माउंट इकोमा पर होज़ान-जी नाम से स्थित है। यह मंदिर ओसाका शहर के बाहर दक्षिणी भाग में स्थित है। 17वीं शताब्दी में बने इस मंदिर के बारे में कई कहानियां प्रचलित हैं। इस मंदिर में लोगों की काफी आस्था है और मनोकामना पूरी होने पर यहां खूब दान भी किया जाता है। जैसा कि आप भारत के मंदिरों के बाहर देख सकते हैं।

Share this story

Tags