सुबह कुंवारी कन्या, दोपहर में जवान और शाम को बूढ़ी हो जाती है मां, आखिर कैसे दिन में तीन बार रूप बदलती है ये मूर्ति

भारत में ऐसे कई मंदिर हैं, जहां चमत्कार देखने को मिलते हैं। कई मंदिरों का रहस्य आज तक कोई नहीं सुलझा पाया है। हमारे देश में देवी मां के कई ऐसे रहस्यमयी मंदिर हैं। इन मंदिरों में भक्तों को मां के सानिध्य में चमत्कार देखने को मिलते हैं। माता रानी का ऐसा ही एक चमत्कारी मंदिर उत्तराखंड के श्रीनगर में भी है। यह मंदिर मां धारी का है। मां धारी को पहाड़ों और तीर्थयात्रियों की रक्षक देवी माना जाता है। माता के इस अद्भुत मंदिर में भक्तों को रोजाना चमत्कार देखने को मिलते हैं।
मां धारी का यह चमत्कारी मंदिर उत्तराखंड के श्रीनगर से 14 किमी दूर स्थित है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां आए दिन चमत्कार देखने को मिलते हैं। यहां मां धारी की मूर्ति दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है। यहां सुबह के समय मां की मूर्ति कन्या जैसी दिखती है और दोपहर में वह कन्या में बदल जाती है। शाम के समय माता की यह मूर्ति एक वृद्ध महिला में परिवर्तित हो जाती है। मां के इस चमत्कार को देखकर भक्त भी हैरान हो जाते हैं. ये नजारा वाकई चौंकाने वाला है.
मां धारी के इस चमत्कारी मंदिर के बारे में स्थानीय लोगों के बीच एक किंवदंती भी प्रचलित है। स्थानीय लोगों का कहना है कि एक बार मां का मंदिर बाढ़ में बह गया था. मंदिर के साथ-साथ मां की मूर्ति भी बहकर धारो गांव के पास एक चट्टान के पास रुक गई. ऐसा कहा जाता है कि उस मूर्ति से एक दिव्य आवाज निकली, जिसने ग्रामीणों को मूर्ति को उसी स्थान पर स्थापित करने का निर्देश दिया। इसके बाद गांव वालों ने माता के आदेश का पालन करते हुए वहां माता का मंदिर बनवाया।
मां धारी के बारे में एक और कहानी है. कहा जाता है कि साल 2013 में माता के इस मंदिर को तोड़ दिया गया था और मां की मूर्ति को उसके मूल स्थान से हटा दिया गया था। लोगों का कहना है कि इसी वजह से उस साल उत्तराखंड में भयानक बाढ़ आई थी. उस बाढ़ में हजारों लोग मारे गए थे. ऐसा कहा जाता है कि धारा देवी की मूर्ति को 16 जून 2013 की शाम को हटा दिया गया था और कुछ घंटों बाद राज्य में आपदा आ गई। इसके बाद उसी स्थान पर दोबारा मंदिर बनाया गया।