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राजस्थान का एक ऐसा मंदिर जिसका नाम सुनते ही भूत-प्रेत-पिशाचों की भी निकल जाती है चीख, वीडियो में देखे अनेकों रहस्यमयी कहानियां 

राजस्थान का एक ऐसा मंदिर जिसका नाम सुनते ही भूत-प्रेत-पिशाचों की भी निकल जाती है चीख, वीडियो में देखे अनेकों रहस्यमयी कहानियां 

मेहंदीपुर बालाजी में दूर-दूर से लोग भूत-प्रेत बाधाओं से मुक्ति की प्रार्थना करने आते हैं। यहां भूत-प्रेत बाधाओं से परेशान लोगों की लंबी कतार लगी रहती है। यहां हर रोज 2 बजे भूत-प्रेत बाधाओं से मुक्ति के लिए कीर्तन होता है। कीर्तन में लोगों पर से नकारात्मक छाया या भूत-प्रेत बाधाओं को दूर किया जाता है। हर रोज सुबह-शाम बालाजी की आरती की जाती है। आरती खत्म होने के बाद बालाजी का जल भक्तों पर छिड़का जाता है। जल पड़ते ही नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है।


मंदिर से प्रसाद घर नहीं ले जाया जा सकता
इस मंदिर से खाने-पीने की चीजें और प्रसाद नहीं ले जाया जा सकता। इसके पीछे वजह यह है कि ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा और भूत-प्रेत बाधाओं का साया आप पर पड़ सकता है। मेहंदीपुर बालाजी में दो तरह का प्रसाद चढ़ाया जाता है। एक दरखावस्त या हाजरी और दूसरा अर्जी। हाजरी प्रसाद दो बार खरीदना पड़ता है। और अर्जी प्रसाद में तीन थालियों में प्रसाद दिया जाता है. अगर आप मेहंदीपुर बालाजी में हाजिरी लगाते हैं तो आपको हाजिरी लगाने के तुरंत बाद वहां से निकल जाना होता है. लौटते समय अर्जी लगाने वालों को प्रसाद दिया जाता है. इस प्रसाद को मंदिर से निकलते समय बिना पीछे देखे पीछे फेंकना होता है.

मेहंदीपुर बालाजी से जुड़े अन्य रहस्य
मेहंदीपुर बालाजी के बाएं सीने में एक छेद है, जिसमें से लगातार पानी बहता रहता है. लोक मान्यताओं के अनुसार इसे बालाजी का पसीना कहा जाता है. बालाजी के ठीक सामने भगवान राम और माता सीता की मूर्ति भी है. मूर्तियों के आमने-सामने होने का रहस्य यह है कि बालाजी हमेशा राम-सीता को देखते रहते हैं. मेहंदीपुर बालाजी में आने वाले भक्तों को कुछ नियमों का पालन करना होता है. यहां आने वाले भक्तों को पूरे एक हफ्ते तक लहसुन, प्याज, मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन बंद करना होता है.

सालासर धाम में भक्तों का सैलाब
सालासर धाम में बालाजी का मंदिर भी है. हनुमान जन्मोत्सव व पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सुजानगढ़ के सिद्धपीठ सालासर बालाजी धाम पर चैत्र पूर्णिमा पर लगने वाला मेला मंगलवार को पूरे शबाब पर रहा। भीषण गर्मी में भी श्रद्धालुओं का उत्साह टूट नहीं रहा है। तीन दिवसीय मेले के अंतिम दिन बालाजी के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। श्रद्धालु बालाजी की लाल ध्वजा, प्रसाद नारियल चढ़ाकर मनोकामनाएं मांग रहे हैं।

नारियल बांधने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं
हनुमान सेवा समिति के अध्यक्ष यशोदानंदन पुजारी ने बताया कि मंगलवार व पूर्णिमा एक ही दिन पड़ने से हनुमान जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। लाखों श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में माथा टेका और देश व प्रदेश में खुशहाली की कामना की। सालासर बालाजी धाम सिंदूर व बाबा के जयकारों से सराबोर रहा। हाथों में लाल ध्वजा लेकर व गुलाल उड़ाते श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन कर माथा टेका। मान्यता है कि मंदिर में मनोकामना नारियल बांधने से बाबा अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं। इसके बाद श्रद्धालु और श्रद्धालु संत मोहनदास महाराज की समाधि पर जाकर दर्शन करते हैं।

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