भारत का एक ऐसा मंदिर जहां आठ दिनों तक अंगारों से खेलते हैं लोग, वजह जान दंग रह जाएंगे आप

भारत में देवी शक्ति की पूजा अनादि काल से होती आई है और इन्हीं पवित्र स्थलों में से एक है दुर्गा परमेश्वरी मंदिर। यह मंदिर भारत के दक्षिणी भाग में स्थित है और इसे शक्ति की उपासना का महत्त्वपूर्ण केंद्र माना जाता है। देवी दुर्गा को परमेश्वरी का रूप दिया गया है, जो पूरे ब्रह्मांड की रचयिता और संहारक शक्ति की प्रतीक हैं। इस मंदिर की भव्यता, श्रद्धा और इतिहास इसे भक्तों के बीच विशेष स्थान दिलाती है।
दुर्गा परमेश्वरी मंदिर का इतिहास
दुर्गा परमेश्वरी मंदिर का इतिहास सैकड़ों वर्षों पुराना है। इसे मुख्य रूप से कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के कातेइल में स्थित माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह वही स्थान है जहाँ देवी दुर्गा ने राक्षस अरुणासुर का वध किया था। कहा जाता है कि राक्षसों के आतंक से धरती त्रस्त हो चुकी थी, तब मां दुर्गा ने महाशक्ति का रूप धारण कर अरुणासुर का संहार किया। इस घटना के बाद, यहां श्री दुर्गा परमेश्वरी देवी की स्थापना की गई।
मंदिर की वास्तुकला और विशेषताएं
दुर्गा परमेश्वरी मंदिर कावेरी नदी की एक धारा के मध्य में स्थित है। यह स्थान चारों ओर से हरियाली और नदी के जल से घिरा हुआ है, जो इसे और भी पवित्र बनाता है। मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक दक्षिण भारतीय शैली में निर्मित है। इसके मुख्य गर्भगृह में मां दुर्गा की प्रतिमा विराजित है, जो अपने शेर वाहन पर सवार हैं और हाथों में विभिन्न आयुध धारण किए हुए हैं।
मंदिर के परिसर में एक भव्य दीप स्तंभ, नंदी मंडप और यज्ञशाला भी मौजूद हैं। यहां परंपरागत लकड़ी और पत्थर से बनाए गए मंडप और तोरण द्वार इसकी प्राचीनता और संस्कृति को दर्शाते हैं।
विशेष पर्व और उत्सव
यहां हर साल नवरात्रि महोत्सव और दशहरा बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान मंदिर में नौ दिन तक विशेष पूजन, यज्ञ और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है और मंदिर को लाखों दीपों और फूलों से सजाया जाता है। साथ ही, चंडी होम और महाआरती इस पर्व के मुख्य आकर्षण होते हैं।
कैसे पहुंचे दुर्गा परमेश्वरी मंदिर?
दक्षिण भारत में कर्नाटक राज्य के मंगलुरु शहर से यह मंदिर लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंगलुरु हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन से सड़क मार्ग द्वारा कातेइल दुर्गा परमेश्वरी मंदिर तक आसानी से पहुँचा जा सकता है। यात्रियों के लिए यहां आवास गृह, भोजनालय और धार्मिक साहित्य की भी व्यवस्था है।
भक्तों की आस्था और अनुभव
दुर्गा परमेश्वरी मंदिर में प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं। भक्तों का मानना है कि यहां मां दुर्गा की सच्चे मन से पूजा करने पर सभी बाधाएं दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। कई श्रद्धालु यहां आकर विशेष व्रत और उपवास रखते हैं और देवी को नारियल, नींबू और लाल पुष्प अर्पित करते हैं।